ये हैं बिहार के 10 चर्चित आईपीएस, ऐसे लेते थे एक्शन, जिनके नाम से कांपते हैं अपराधी
पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव हो रहा है। इस वजह से हर किसी की नजर इस ओर लगी हुई है। क्योंकि यहां धनबल के साथ-साथ बाहुबलियों का वर्चस्व होता है। अपराध की दुनिया में पैर जमाने के बाद कानून से बचने के लिए बाहुबली राजनीति का सहारा लेते हैं। ऐसे में यहां कानून का राज स्थापित करना चुनौती से कम नहीं है। हालांकि ऐसे भी कई आईपीएस अधिकारी हैं, जिनसे ये अपराधी भी खौफ खाते हैं। इनमें से दस चर्चित आईपीएस के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
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पहले बता दें कि बिहार विधानसभा की 248 सीटों पर तीन चरण में मतदान हो रहा है। आखिरी चरण के लिए 7 नवंबर को वोटिंग हैं। इस बार 15 जिलों 78 सीटों पर मतदान हो रहा है।
डीआईजी मनु महाजन हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। साल 2006 में बिहार के कैडर के आईपीएस चुने गए हैं। वो पटना, दरभंगा में काम कर चुके हैं। वो बड़े आपरेशन को खुद लीड करते हैं और एके 47 लेकर पहुंच जाते हैं। उन्हें बिहार पुलिस में सिंघम भी कहा जाता है।
2016 बैच की आईपीएस लिपि सिंह बिहार के नालंदा जिला की रहने वाली है। पिछले साल उस समय और अधिक चर्चा में तब आ गई थी जब उन्होंने मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसी घटना के बाद उन्हें एएसपी से पदोन्नत करके मुंगेर का एसपी बनाया गया था। लेकिन, इसी साल दशहरे पर हुए हिंसा के बाद उन्हें हटा दिया गया।
साल 2015 बैच के आईपीएस विनय तिवारी को 2019 में पटना सेंट्रल के एसपी के तौर पर नियुक्ति मिली थी। वर्तमान में वह पटना के सिटी एसपी के पद पर कार्यरत हैं। वो एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की मुंबई गई बिहार पुलिस को लीड कर रहे थे। हालांकि अब इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के साम्राज्य को तहस-नहस करने का श्रेय आईपीएस रतन संजय कटियार को जाता है। बताते हैं कि जब सिवान में दो युवकों को तेजाब से जलाकर मारा गया था तब इन्होंने ही एक्शन लिया था। शहाबुद्दीन के घर छापेमारी की थी। हालांकि तीन घंटे की गोलीबारी के बाद शहाबुद्दीन के घर से पाकिस्तान में बने एके-47 राइफल बरामद किया था। वो इस समय पूर्णिया क्षेत्र आईजी हैं।
बिहार पुलिस के आईजी कुंदन कृष्णन किसी जमाने में काफी चर्चित एसपी थे। बाहुबली विधायक आनंद मोहन इन्होंने ही गिरफ्तार किया था, जो आज जेल में हैं। बताते हैं कि आनंद मोहन ने इनपर हाथ छोड़ दिया था। इसपर आईपीएस कुंदन कृष्णन ने उन्हें सरेआम पीटा था। इससे पहले गया जेल में कुछ लोगों ने हमला बोल दिया था। कुंदन तब पटना में थे। उन्हें जब इस बात का पता चला तो वे अकेले ही एके-47 लेकर मोर्चे पर चले गए थे और सभी अपराधियों का सामना किया था। उन्हें इस समय बिहार पुलिस में एडीजी (मुख्यालय) नियुक्त किया है।
वैभव विकास 2003 बिहार कैडर से आईपीएस अफसर हैं। उन्होंने मोकामा से बाहुबली विधायक अनंत सिंह को गिरफ्तार किया था। हालांकि इस गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनका तबादला कर दिया गया था। बता दें कि उस समय अनंत सिंह पर कोई भी अधिकारी हाथ डालने की हिम्मत नहीं कर रहा था। साल 2013 में पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट और उसके पहले बोधगया ब्लास्ट की तफ्तीश करने वाली टीम की अगुआई इन्होंने ही की थी।
आईपीएस शिवदीप लांडे की भी बिहार के सबसे चर्चित आईपीएस गिनती होती रही हैं। इन्होंने पटना में चल रहे कई सेक्स रैकेट का खुलासा किया था और कई लोगों को गिरफ्तार किया था। लड़कियों के शिकायत पर स्कूल-कॉलेज के पास चक्कर लगाने वाले आवारा लड़कों पर कार्रवाई करते थे। ये कई बार वेश बदलकर भी छापेमारी करते रहे हैं। फिलहाल वो इस समय महाराष्ट्र में एटीएस के डीआईजी बना दिए गए हैं।
आईपीएस हरप्रीत कौर भी रॉबिनहुड स्टाइल में ड्यूटी करती थी। यह ज्यादातर वारदात की जगहों पर खुद ही पहुंच जाती हैं। इन्होंने मजनूओं के खिलाफ भी अभियान चलाया था।
25 साल पहले बैंक ऑफ इंडिया की हीरापुर शाखा को लूटने पहुंचे लुटेरों पर आईपीएस रणधीर प्रसाद वर्मा अकेले भारी पड़े थे। उन्होंने तीन में से दो लुटेरों को मार गिराया था। हालांकि इस दौरान वे शहीद हो गए थे। उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। उनकी शिक्षा सेंट जॉन हाई स्कूल तथा पटना कॉलेज में हुई थी। वो 1974 में भारतीय पुलिस सेवा से जुड़े थे।
आईपीएस आरएस भट्ठी जब बिहार के गोपालगंज, पटना, मुजफ्फरपुर आदि जिलों में एसपी थे तब अपने कारनामे काफी चर्चित थे। पटना में एक बार इन्होंने लालू प्रसाद यादव की गाड़ी रोक ली थी। इतना ही नहीं ये मजनूओं के खिलाफ काफी अभियान चलाते थे। सड़क पर लड़कियां छेड़ते पकड़े जाने पर ये लड़के का बाल काट देते थे। वो बीएमपी का डीजी बनाया गया है।