- Home
- States
- Bihar
- जीना चाहता है 10 माह का मासूम, लेकिन बेबस हैं माता-पिता..PM मोदी और सीएम तक से लगाई गुहार
जीना चाहता है 10 माह का मासूम, लेकिन बेबस हैं माता-पिता..PM मोदी और सीएम तक से लगाई गुहार
- FB
- TW
- Linkdin
दरअसल, पटना के रुपसपुर के रहने वाले आलोक कुमार सिंह और नेहा के 10 माह के मासूम बेटे को स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy) जैसी गंभीर दुर्लभ बीमारी ने जकड़ रखा है। इस बीमारी का इलाज 16 करोड़ रुपए के इंजेक्शन की एक डोज से होता है। जिसके के लिए वह नेता से लेकर आम आदमी तक से मदद मांग रहे हैं।
मासूम बेटे अयांश के पिता आलोक कुमार सिंह और मां नेहा का कहना है कि वह पिछले 15 दिनों से लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनसे मुलाकात तक नहीं हो पा रही है। हम रोज आते हैं तो यहा कर्मचारी सिर्फ आश्वासन देते हैं कि कल मिल लेना, इसिलए आज हम सीएम के जनता दरबार में आए हैं।
मासूम बेटे अयांश के पिता आलोक कुमार सिंह और मां नेहा का कहना है कि वह पिछले 15 दिनों से लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनसे मुलाकात तक नहीं हो पा रही है। हम रोज आते हैं तो यहा कर्मचारी सिर्फ आश्वासन देते हैं कि कल मिल लेना, इसिलए आज हम सीएम के जनता दरबार में आए हैं।
बता दें कि पिछले महीने ही पिता आलोक सिंह ने बिहार के नेता तेजप्रताप यादव से मुलाकात कर मदद कर गुहार लगाई थी। इसके बाद तेजप्रताप ने सोशल मीडिया के जरिए पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार से बच्चे के इलाज के लिए मदद मांगी थी। उन्होंने कहा था कि ऐसाी परिस्थिति में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार को आगे आकर बच्चे की मदद करना चाहिए।
पिता अलोक सिंह बिलखते हुए बोले कि मेरा घर और जमीन सरकार खरीद ले और मुझे 16 करोड़ वाला इंजेक्शन दिलवा दे। अगर बेटा ही नहीं रहेगा तो हम जीकर क्या करेंगे। हम सांसद विधायक और मंत्री तक से मिल चुके हैं, लेकिन सभी सिर्फ आश्वासन ही दिया है।
नेहा ने बताया कि अयांश को दो महीने के उम्र से यह बीमारी है। जिसमें उसके मसल्स गल जातो हैं और वह उसे सांस लेने में दिक्कत होती है। इसिलए मैं हर आदमी से अपने बेटे की जिंदगी की भीख मांग रही हूं। अब आप ही मेरे बेटे को बचा सकते हो। नरेंद्र मोदी से लेकर नीतीश कुमार तक से गुहार लगा हूं मेरे लाल को बचा लीजिए।
बता दें कि अयांश का पहले पटना में इलाज चला इसके बाद डॉक्टरों ने उसे बैंगलुरु के एक बड़े हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया। वहां करीब डेढ़ माह तक उसका इलाज चला, इस दौरान माता पिता करीब 16 लाख रुपए खर्च कर चुके, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद जांच होने के बाद पता चला कि आयांश को SAM बीमारी है। डॉक्टरों ने जब इसका खर्च बताया तो माता-पिता के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई।
अयांश के पिता आलोक सिंह पटना में आईटीआई चलाते हैं। उनकी दो संताने हैं जिसमें अयांश छोटा है और बेटी मानस्वी बड़ी है। अयांश का जन्म 29 सितंबर 2020 को हुआ था, जन्म के दौरान वह पूर्ण रुप से स्वस्थ था, लेकिन दो माह बाद उसके शरीर ने मूवमेंट कम होने लगा था। इसक बाद उन्होंने डॉक्टरों की सलाह ली और इलाज शुरू कराया।