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देश ही नहीं विदेश में चर्चित हैं लालू यादव की ये तस्वीरें, कभी उनके देसी ठाठ का चलता था सिक्का, अब मुश्किल में
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लालू प्रसाद यादव अपने देसी अंदाज के लिए मशहूर हैं। बिहार ही नहीं देश-विदेश में उन्हें काफी लोकप्रियता मिली है। कभी उन्होंने भैंस की सवारी की तो कभी उसका दूध निकालते तस्वीरों में नजर आए। उनके यही अंदाज लोगों को खूब भाता है।
राजनीति में अपने बेबाक स्वभाव और अल्हडपन के लिए मशहूर लालू यादव जिंदगी को अपने अंदाज में ही जीते हैं। विरोधियों पर चुटीले तंज और अपनी बेबाक टिप्पणियों से लालू हर किसी को अपना कायल बना लेते हैं। वे कभी होली खेलते मस्ती में नजर आते हैं तो कभी अपने ही अंदाज में त्योहार मनाते।
जब लालू बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पटना में रहते थे तब सीएम हाउस में उनकी गायों के लिए गोशाला थी। छठ पूजा के लिए विशेष कुंड बनवाया गया था। इसी तरह जब वो रेल मंत्री थे तो दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास पर भी गोशाला बनाई गई थी।
अक्टूबर 2021 की ही बात है जब लालू यादव को ऑरेंज आइस कैंडी खाते देखा गया। वो ऐसा इसलिए कर रहे थे क्योंकि उन्हें प्यास लगी थी और डॉक्टरों ने पूरे दिन में उन्हें 500 ML से ज्यादा पानी पीने से मना किया है। प्यास बुझाने के लिए उन्होंने ये जुगाड़ निकाला।
लालू प्रसाद यादव जितनी अच्छी पारी सियासी पिच पर खेलते दिखाई देते रहे हैं, उतना ही अच्छा क्रिकेट के मैदान में भी उनका अनुभव रहा है। लालू को क्रिकेट काफी पसंद है और कई बार वो बैट-बॉल के साथ मैदान में दिखाई भी दिए हैं।
लालू को खुली जीप काफी पसंद है। इसकी एक तस्वीर साल 2021 में उस वक्त देखने को मिली जब लालू खुली जीप में बैठकर उसे पटना की सड़कों पर दौड़ाते हुए दिखे। जहां लालू खुद जीप ड्राइव कर रहे थे तो उनके पीछे-पीछे पार्टी के समर्थक जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। लालू ने जीप ड्राइव करने का वीडियो खुद शेयर किया था।
जनता आंदोलन से भारतीय राजनीति में कदम रखने वाले लालू का अंदाज उनकी सफलता के साथ नहीं बदला। उन्होंने अपनी जो ठेठ देसी छवि बनाई उसे हमेशा कायम रखा। बिहार के मुख्यमंत्री रहे तब भी और देश के रेल मंत्री रहे तब भी।
11 जून 1948 को बिहार में जन्मे लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। वे यूपीए सरकार में केंद्रीय रेल मंत्री भी थे। पिछले करीब चार दशक से बिहार की राजनीति लालू प्रसाद के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है।
लालू ने स्टूडेंट पॉलिटिक्स से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। जिस वक्त देश में इमरजेंसी लगी थी, लालू यादव पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे। यहीं से उनका राजनीतिक करियर छात्र नेता के रूप में शुरू हुआ।
1977 में लालू यादव महज 29 साल की उम्र में जनता पार्टी के टिकट पर जीतकर लोकसभा पहुंचे। वह उस वक्त लोकसभा के सबसे युवा सदस्य थे। 1990 में जनता दल की सरकार बनी। प्रधानमंत्री वीपी सिंह राम सुंदर दास को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे तो चन्द्रशेखर रघुनाथ झा को। इन दोनों के बीच उप प्रधानमंत्री देवीलाल ने लालू यादव का नाम आगे बढ़ाया तो उनके नाम पर मुहर लग गई।
लालू यादव को जिस साल मुख्यमंत्री चुना गया। उसी साल 23 सितंबर को रथ यात्रा पर निकले भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को लालू ने गिरफ्तार करवा दिया। इस एक फैसले के बाद लालू की छवि सेक्युलर नेता की बन गई।
1997 में चारा घोटाले के आरोपों के चलते जनता दल में बगावत हो गई। लालू यादव ने अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल नाम से पार्टी बना ली। 2002 में राजद की सरकार बनी तो लालू ने पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बना दिया। खुद केंद्र की राजनीति में सक्रिय हो गए। लालू के नेतृत्व में RJD ने 21 लोकसभा सीटें जीतीं और UPA-I में कांग्रेस के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनी।
1991 में जब लालू बिहार के मुख्यमंत्री थे तब लालू प्लेन में सवार हुए और भूजा भी खाए। भूजा खाने के बाद लालू को तेज प्यास लग गई। वह ऐसा दौर था बोतल बंद मिनरल वाटर का चलन शुरू नहीं हुआ था। प्यास से परेशान लालू ने पायलट से प्लेन को रांची में ही लैंड करवाने की इच्छा जताई और कहा कि पानी पीकर पटना निकल लेंगे। तब रांची बिहार में ही हुआ करता था। पायलट ने लालू के आदेश पर प्लेन को रांची हवाई अड्डे पर लैंड कराने के लिए जरूरी निर्देश भेजे। लेकिन एयरपोर्ट की तरफ से लालू के प्लेन को लैंड करने की इजाजत नहीं मिली।
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