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पिता घर-घर जाकर करते पूजा, बेटे ने रचा इतिहास..बधाई देने वालों का लग रहा तांता..बोले-बेटा हो तो ऐसा
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दरअसल, इस होनहार स्टूडेंट का नाम दूधनाथ तिवारी है, जिसने सेल्फ स्टडी के दम पर ऑल इंडिया 548 रैंक हासिल किया है। वह मूलरुप से लकड़ीढाई गांव का रहने वाला है। दूधनाथ के पिता अशोक तिवारी बेहद गरीब हैं, कम आमदनी होने के बाद भी उन्होंने बेटे की पढ़ाई की खातिर मुजफ्फरपुर में किराए से एक घर लिया। लेकिन आर्थिक हालात ठीक नहीं थी इसलिए कोचिंग नहीं करा सके।
दूधनाथ के पिता अपने बेटे की इस सफलता से बेहद खुश हैं। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि बेटे ने आज मेरा ही नहीं पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया है। वह पढ़ने में बचपन से ही होशियार था, लेकिन हम गरीबी के चलते उसे ना तो किसी अच्छे स्कूल में पढ़ा सके और ना की कोचिंग करा सके। इसके बाद भी उसने कमाल कर दिया।
पिता ने कहा कि वह 14 से 16 घंटे तक कमरे में अकेला रहकर पढ़ाई करता था। कई बार तो ऐसा होता था कि हमें उसे रोकना पड़ता था कि अब पढ़ाई बंद कर दो सो जाओ। बाकी की पढ़ाई कल कर लेना। लेकिन उसने अपना लक्षय बनाकर रखा था, जिसे उसने आसासी से पूरा कर दिया।
वहीं अपनी कामयाबी पर दूधनाथ ने कहा कि इतनी गरीबी होने के बाद भी माता-पिता ने मुझे कभी पढ़ने से नहीं रोका। जो मांगा उससे कीहं ज्यादा उन्होंने मदद की। आज जो कुछ भी कर पाया हूं तो वह सब माता पिता एवं भगवान के आशीर्वाद से सफलता मिली है।
दूधनाथ के सफलता पर पूरा गांव खुशी मना रहा है। पिता क कहना है कि हमें लगता है कि बेटा भविष्य में भी इलाके का नाम रोशन करेगा। अब यही चाहते हैं कि उसे अच्छे से अच्छे कॉलेज में एडमिशन मिले।