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पहले दी गंदी-गंदी गालियां फिर अक्षय ठाकुर के भाई ने कहा, 'सरकार गारंटी दे फांसी के बाद नहीं होगा किसी का रेप'

औरंगाबाद/पटना। निर्भया केस में डेथ वारंट आ चुका है। चारों दोषियों को फांसी की सजा मिली है। राष्ट्रपति ने भी दोषियों की दया याचिका खारिज कर दी है। हालांकि अब भी दोषियों का वकील इस जुगत में है कि गुनहगारों की फांसी किसी बहाने रुक जाए। टल जाए। इस बीच कुछ दोषियों के परिजन जेल पहुंचकर गुनहगारों से आखिरी मुलाक़ात भी कर रहे हैं। दोषियों को 1 फरवरी के दिन फांसी देने की तैयारी है। निर्भया का एक दोषी अक्षय सिंह ठाकुर बिहार में औरंगाबाद जिले का है। एशियानेट न्यूज हिन्दी से अक्षय के भाई विनय सिंह से बात की।

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Asianet News Hindi
Published : Jan 26 2020, 10:51 AM IST| Updated : Jan 28 2020, 11:16 AM IST
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निर्भया केस में डेथ वारंट जारी होने के बाद से औरंगाबाद जिले के एक गांव में अजीब शांति है। निर्भया का एक दोषी अक्षय ठाकुर यहीं का है। उसके भाई ने हमारे रिपोर्टर से फोन पर बात की। पहले पहल तो मीडिया का नाम सुनते ही विनय भड़क गया और रिपोर्टर को भद्दी-भद्दी गालियां देने लगा। मगर कुछ देर बाद दोबारा कोशिश करने पर बात करने के लिए राजी हो गया।
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अक्षय ठाकुर के भाई ने बातचीत में मीडिया, पुलिस, सरकार और निर्भया की मां पर सवाल उठाए। उसने कहा, "हमारी कोई सुनने वाला नहीं है।" आगे पढ़िए फांसी की सजा से पहले दोषी अक्षय ठाकुर के भाई ने क्या-क्या कहा।
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निर्भया गैंगरेप केस में अक्षय ठाकुर के भाई ने फांसी पर सवाल किया कि "सरकार इस बात की गारंटी दे कि अक्षय की फांसी के बाद देश में गैंगरेप की घटना नहीं होगी तो बेशक चारों को फांसी दे दी जाए। लेकिन ऐसा संभव नहीं है।"
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अक्षय के भाई ने कहा, "इस (निर्भया) केस के बाद महिला सुरक्षा पर कई कड़े कानून बने। मगर फिर भी देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं नहीं रुकीं।" फांसी पर वकील इंदिरा जयसिंह और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर द्वारा उठाए सवाल पर कहा, "हम लोग इतने पढ़े-लिखे नहीं हैं कि ऐसे बड़े लोगों के कहे पर कोई टिप्पणी कर सकें। घटना (निर्भया गैंगरेप) का हमें भी दुख है। मगर सिर्फ फांसी दे देने भर से ऐसी घटनाएं नहीं रुकेंगी।"
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दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने पर निर्भया की मां अड़ी हुई हैं। अक्षय के भाई ने उनसे पूछा, "दूसरी सजा भी दी जा सकती है। जब यह दुखद घटना हुई तो सरकार ने उन्हें (निर्भया के घरवालों को) मुआवजा दिया था। लेकिन अब जब सभी को फांसी ही हो जाएगी तो क्या निर्भया का परिवार मुआवजा लौटा देगा?"
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हालांकि विनय ने यह भी कहा, "हमारी बहू-बेटियों के साथ इस तरह की घटना होती तो हम भी वहीं करते जो निर्भया के घरवाले कर रहे हैं। लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा कि सिर्फ फांसी देने भर से ऐसे अपराध खत्म नहीं होते।"
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निर्भया गैंगरेप पर अक्षय के भाई ने कहा, "ऐसी घटनाओं के पीछे घटिया मानसिकता का सबसे बड़ा दोष है। जबतक लोगों की मानसिकता नहीं बदलेगी तब तक ऐसे अपराध होते रहेंगे।"
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परिवार अक्षय ठाकुर को बचाने के लिए क्या कर रहा है? इस पर कहा, "हमलोग गरीब परिवार से हैं। हमारे पास रुपया पैसा नहीं कि केस लड़ सकें। सरकारी वकील को जो करना है वो कर रहे हैं।"
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अक्षय के भाई ने निर्भया केस में खुद के उत्पीड़न की भी बात काही। उसने बताया, "घटना के बाद पुलिस ने मुझे इस कदर मारा-पीटा कि आजतक मैं काम के लायक नहीं हो सका। मेरे पास इसके मेडिकल पेपर भी हैं। मगर हमारी बात कोई नहीं सुन रहा है। आप ही बताइए हम अपनी शिकायत किसे करें।"
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अक्षय के भाई ने बताया, "निर्भया केस में मेरे पिता सरयू सिंह और परिवार ने प्रशासन की पूरी मदद की। घटना के बाद मेरे पिता ने खुद अक्षय को सौंपा था। फिर भी प्रशासन ने मुझे मारा पीटा। सरकार अक्षय को फांसी तो दे देगी, मगर उसकी मौत के बाद उसके बेटे और पत्नी का भरण-पोषण कौन करेगा? अक्षय का एक बेटा भी है। पत्नी है। उनका क्या दोष है?"
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इसी गांव के अक्षय ठाकुर और उसके तीन अन्य साथियों पर दिल्ली में निर्भया के साथ बलात्कार और खौफनाक हत्या के मामले में फांसी की सजा दी जाएगी। अक्षय के साथ तीन और गुनाहगारों विनय कुमार शर्मा, मुकेश सिंह और पवन कुमार गुप्ता को एक फरवरी के दिन फांसी दी जाएगी। इस मामले में दो आरोपी और थे। एक राम सिंह ने जेल में ही ख़ुदकुशी कर ली और दूसरा नाबालिग होने की वजह से 2015 में छोड़ दिया गया।

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