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राजनीति में आने से पहले टीचर थे उपेंद्र कुशवाहा,नीतीश कुमार के खिलाफ बिगुल फूंक 9 साल पहले बनाई थी पार्टी
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उपेंद्र कुशवाहा की ये है खासियत
समाजवादी सोच वाले उपेंद्र कुशवाहा नॉनवेज भी खाते हैं। लेकिन, उन्हें सर्वाधिक प्रिय हरी सब्जी और रोटी है। उसमें भी सबसे ज्यादा पसंद नेनुआ की सब्जी है। कुर्ता-पायजामा उनका पसंदीदा परिधान है। बच्चों को पढ़ाना उनका सबसे प्रिय शौक है। वे गांव में जब भी खुद को समय मिलता है तो खुद भी पढ़ाते हैं।
(फाइल फोटो)
राजनीति विज्ञान के थे लेक्चरर
उपेंद्र कुशवाहा पहले मुजफ्फरपुर के बीआर अंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में एमए किए थे। समता कॉलेज में राजनीति विज्ञान के लेक्चरर के तौर पर भी काम किए थे।
1985 में की राजनीति में एंट्री
कर्पूरी ठाकुर से प्रभावित होकर लोकदल से अपना सियासी सफर 1985 में शुरू किए। इसके बाद 1985 से 1988 तक लोकदल के युवा राज्य महासचिव रहे। उनकी सक्रियता को देखते हुए पार्टी ने 1988 से 1993 तक राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंप दी थी।
कुछ ऐसे बढ़ता गया राजनीति में कद
1994 में समता पार्टी का महा सचिव बनने के साथ ही उपेंद्र कुशवाहा को राजनीति में महत्व मिलने लगा। इस पद पर वे 2002 तक रहे। सन 2000 से 2005 तक बिहार विधान सभा के सदस्य रहे और विधान सभा के उप नेता और फिर नेता प्रतिपक्ष भी नियुक्त किए गए।
..जब उपेंद्र की रैली से हैरान हो गए सभी
उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की स्थापना 3 मार्च 2013 में की। अपनी पार्टी के नाम और झंडे का अनावरण बड़े प्रभावशाली ढंग से गांधी मैदान में एक ऐतिहासिक रैली से किए सबको हैरान कर दिया था।
(फाइल फोटो)
मोदी लहर में जीत ली थीं सभी सीटें
फरवरी 2014 को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में शामिल हो गई। 2014 के आम चुनाव में RLSP ने बिहार से तीन सीटों सीतामढ़ी, काराकट और जहानाबाद पर चुनाव लड़ा। मोदी लहर पर सवार RLSP ने इस चुनाव में तीनों सीटों पर जीत हासिल की थी।
ऐसे एनडीए से तोड़ा था नाता
मोदी सरकार में साल 2014 में उन्हें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेय जल और स्वच्छता मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद नवंबर में जब कैबिनेट में फेरबदल हुआ तो केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया। उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री के पद से इस्तीफे के साथ ही एनडीए से भी नाता तोड़ दिया था।
...तो इस शर्त पर हुई है डील
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विलय के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री व RLSP प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेह लता को विधान परिषद का सदस्य बनाकर बिहार की राजनीति में एक्टिव किया जाएगा। JDU उन्हें राज्यपाल कोटे से MLC बनाएगी। मंत्रिमंडल विस्तार कर नीतीश कुमार उन्हें अपनी सरकार में जगह देंगे। शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। जबकि उपेंद्र कुशवाहा को केंद्र की राजनीति के लिए राज्यसभा भेजा जाएगा। इन्हीं शर्तों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उपेंद्र कुशवाहा की डील हुई है।