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31 years of Saudagar : 32 साल की दुश्मनी भूलकर साथ आए थे दिलीप कुमार-राज कुमार, बनती बॉबी देओल की डेब्यू फिल्म
एंटरटेनमेंट डेस्क. साल 1991 में आज ही के दिन यानि 9 अगस्त को रिलीज हुई फिल्म 'सौदागर' (Saudagar) बॉक्स ऑफिस पर उस साल सबसे ज्यादा कमाई करने वाली दूसरी फिल्म थी। सुभाष घई (Subhash Ghai) निर्देशित इस फिल्म में दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और राज कुमार (Raaj Kumar) जैसे सुपरस्टार्स ने अपनी दुश्मनी भुलाकर 32 साल बाद साथ काम किया था। हालांकि, ऐसा कर पाना खुद सुभाष घई के लिए आसान नहीं था पर कड़ी मशक्कत के बाद वे दोनों को साथ लेकर भी आए और कई मुसीबतों के बावजूद इस फिल्म की शूटिंग पूरी करके इसे रिलीज भी किया। दर्शक भी इस फिल्म को सिर्फ इसलिए देखने पहुंचे क्योंकि इसमें दिलीप साहब और राज कुमार लंबे वक्त बाद साथ नजर आने वाले थे। यह मनीषा कोइराला (Manisha Koirala) और विवेक मुशरान (Vivek Mushran) की भी बॉलीवुड डेब्यू फिल्म थी। इसके अलावा इस फिल्म में जैकी श्रॉफ (Jackie Shroff), अमरीश पुरी (Amrish Puri), अनुपम खेर (Anupam Kher), मुकेश खन्ना (Mukesh Khanna), दलीप ताहिल (Dileep Tahil) और गुलशन ग्रोवर (Gulshan Grover) जैसे कलाकार भी अहम किरदारों में नजर आए। इस फिल्म की रिलीज के 31 साल पूरे होने पर जानिए फिल्म से जुड़े कुछ किस्सों के बारे में...
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इस फिल्म से पहले दिलीप कुमार और राज कुमार 1959 में रिलीज हुई फिल्म 'पैगाम' में साथ काम कर चुके थे। दोनों के बीच उस फिल्म के सेट पर थोड़ा मन-मुटाव हो गया था जिसने बाद में जाकर ऐसी दुश्मनी का रूप ले लिए कि दोनों ने अगले 32 साल तक साथ काम ही नहीं किया।
इस फिल्म के लिए सुभाष घई ने सबसे पहले दिलीप साहब से बात की क्योंकि उनका मानना था कि दिलीप साहब को मनाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। दिलीप साहब इससे पहले घई के साथ 'विधाता' और 'क्रांति' जैसी फिल्मों में काम कर चुके थे। इस बारे में सुभाष घई ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, 'दिलीप कुमार को जब मैं फिल्म की कहानी सुनाने गया तो वो राज़ी हो गए थे। मगर जब उन्होंने बाकी कास्ट के बारे में पूछा तो मैंने अपनी कार में बैठकर राज कुमार का नाम लिया और वहां से चला गया।'
बहरहाल, दिलीप साहब तो मान गए पर घई के लिए राज कुमार को मनना इतना आसान नहीं था। मगर ताज्जुब की बात ये थी कि जब घई ने राज कुमार को स्क्रिप्ट सुनाई तो उन्होंने घई से पूछा कि मेरे साथ फिल्म में दूसरा हीरो कौन है? जवाब में जब घई ने दिलीप कुमार का नाम लिया तो राज कुमार बोले- जानी, हिंदुस्तान में अपने बाद अगर हम किसी को एक्टर मानते हैं तो वो दिलीप कुमार को मानते हैं। हमारे सामने जब दिलीप कुमार आएंगे तो जलवा तो आएगा।
खैर अभी तो सिर्फ दोनों कलाकार साथ काम करने को तैयार हुए थे। शूटिंग शुरू करके खत्म करने का सफर बहुत लंबा था। राज कुमार जब फिल्म के सेट पर पहुंचे तो उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि दिलीप कुमार का किरदार यूपी और बिहारी के टोन में हिंदी बोलता है। इस बात पर वे घई से गुस्सा हो गए क्योंकि फिल्म में उन्हें सिर्फ हिंदी बोलनी थी। चूंकि घई ने उन्हें दिलीप कुमार के किरदार के बारे में यह बात नहीं बताई गई थी इसलिए उन्होंने घई से कह दिया कि वे इस फिल्म में काम नहीं करेंगे। वे तो मुंबई वापस जाने की तैयारी करने लगे पर घई ने 2 घंटे की मशक्कत के बाद राज कुमार को मनाया। उन्होंने तर्क दिया कि फिल्म में राज कुमार का किरदार अमीर है और दिलीप कुमार का किरदार गरीब है। घई की ये बात सुनकर राज कुमार का गुस्सा शांत हुआ और वे सेट पर वापस लौट आए।
फिल्म के सेट पर भी शुरुआत में तो दोनों एक्टर्स के बीच बराबर तनातनी रही। दोनों साथ में काम तो कर रहे थे मगर आपसी बातचीत बंद थी। मगर घई ने ना सिर्फ दोनों से साथ में काम करवाया बल्कि उनकी पुरानी दुश्मनी भी दोस्ती में बदल दी। एक इंटरव्यू में घई ने कहा, 'दोनों एक्टर्स के साथ काम करते करते मैंने यह सीख लिया था कि मुझे कैसे दोनों के ईगो को हैंडल करना है। मैं राज के कान में कहता था कि दिलीप साहब उनकी तारीफ कर रहे थे और दिलीप साहब के कान में कहता था कि राज उनके बारे में अच्छी-अच्छी बातें कर रहे थे। मैं धीरे-धीरे दिलीप कुमार को बताता रहता था कि कैसे राज कुमार उनकी एक्टिंग के फैन हैं। और इस तरह से जब दोनों के बीच का मनमुटाव दूर हो गया तो दोनों दोस्त बन गए।'
घई इस फिल्म से बॉबी देओल को लॉन्च करना चाहते थे पर धर्मेंद्र ने मना कर दिया क्योंकि वे खुद बॉबी देओल को लॉन्च करना चाहते थे।
फिल्म में विवेक मुशरान के किरदार वासु के लिए पहले आमिर खान को अप्रोच किया गया था पर उन्हें यह रोल काफी छोटा लगा। इसके अलावा चंद्रचूर सिंह ने भी रोल के लिए ऑडिशन दिया था पर वे रिजेक्ट हो गए।
फिल्म में जैकी श्रॉफ द्वारा निभाए गए रोल के लिए पहले अमिताभ बच्चन को अप्रोच किया गया था पर अमिताभ घई की फिल्म में सिर्फ स्पेशल अपीयरेंस वाल रोल नहीं करना चाहते थे। इसके अलावा मनीषा कोइराला के रोल के लिए दिव्या भारती का स्क्रीन टेस्ट लिया गया था पर घई को वे किरदार के हिसाब से काफी यंग लगीं।
बात करें फिल्म की तो यह फिल्म पूरे देशभर में सिल्वर जुबली हिट रही थी। फिल्म को 37वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में 8 नॉमिनेशन मिले थे जिसमें से इसने दो अवॉर्ड (बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट एडिटिंग) अपने नाम किए थे।
यह दिलीप कुमार की आखिरी हिट फिल्म थी। इसके फिल्म बाद उनकी सिर्फ एक और फिल्म 'किला' (1998) रिलीज हुई थी। इस फिल्म में वे रेखा के अपोजिट डबल रोल में नजर आए थे।
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