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फरहान अख्तर का मिल्खा सिंह को आखिरी सलाम, कहा-आपसे सीख कर कोई भी घुटनों से उठ कर आसमान छू सकता है
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फरहान अख्तर ने मिल्खा सिंह के साथ अपनी फोटो शेयर करते हुए लिखा- डियरेस्ट मिल्खा जी! मेरा एक हिस्सा अब भी ये मानने को राजी नहीं है कि अब आप इस दुनिया में नहीं रहे। शायद ये वह जिद्दी चीज है जो मैंने आपसे ली है। वो हिस्सा जो एक बार किसी चीज को ठान लेता है तो फिर उसे पूरा किए बिना हार नहीं मानता।
फरहान ने आगे लिखा- और सच तो ये है कि आप हमेशा जिंदा रहेंगे। क्योंकि आप एक बड़े दिलवाले इंसान से भी कहीं अधिक प्यार देने वाले और जमीन से जुड़े शख्स थे। आपने एक सोच को, एक सपने को रिप्रेजेंट किया है। आपके ही शब्दों में कहूं तो कैसे मेहनत, सच्चाई और दृढ़ निश्चय से कोई शख्स अपने घुटनों से उठकर आसमान को छू सकता है।
आपने हम सभी की जिंदगी को छुआ है। वे लोग जो आपको एक पिता और दोस्त की तरह जानते औ समझते थे, उनके लिए ये किसी आशीर्वाद से कम नहीं था। और जो लोग आपकी कहानी नहीं जानते थे उनके लिए आपकी कहानी प्रेरणा और कामयाबी का निरंतर स्रोत थी और सफलता में भी विनम्रता की याद दिलाती थी। मैं आपको दिल की गहराइयों से प्यार करता हूं।
बता दें कि फरहान अख्तर ने 2013 में मिल्खा सिंह की लाइफ पर बेस्ड फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' में उनका किरदार निभाया था। राकेश ओमप्रकाश मेहरा के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म ने दुनिया को मिल्खा सिंह के उन किस्सों के बारे में बताया, जिनसे लोग अनजान थे। यह फिल्म फरहान अख्तर के करियर की सबसे बेहतरीन फिल्म कही जाती है।
ओम प्रकाश मेहरा ने मिल्खा सिंह के जीवन संघर्ष को कुछ इस तरह सिल्वर स्क्रीन पर पेश किया कि सभी की आंखें नम हो गईं। भारत और पाकिस्तान के बंटवारे ने मिल्खा के मासूम मन को लहूलुहान कर दिया था। लेकिन उस दर्द से उबरकर उन्होंने न सिर्फ खुद को महान बनाया, बल्कि साथ ही देश का नाम भी दुनियाभर में रोशन कर दिया।
‘भाग मिल्खा भाग’ ने जहां दुनियाभर में हलचल मचा दी थी। वहीं, खुद मिल्खा सिंह फिल्म में एक्टर फरहान अख्तर के काम से बेहद खुश थे। उन्होंने फरहान की तारीफ करते हुए कहा था कि मैं पर्दे पर खुद को जैसा देखना चाहता था, फरहान बिल्कुल वैसे ही हैं। इसका श्रेय राकेश ओमप्रकाश मेहरा को जाता है। फरहान ने मेरे जैसा बनने के लिए जितनी मेहनत की और जिस अनुशासन में रहे वो आसान काम नहीं था।
मिल्खा सिंह पहले अपनी बायोपिक के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने खुद एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि कई सालों से उन पर फिल्म बनाने के लिए लोग उनसे संपर्क कर रहे थे लेकिन वो सभी फिल्म मेकर्स के ऑफर मना कर देते थे। हालांकि, एक दिन उन्होंने अपने बेटे जीव के कहने पर हां कर दी।
दरअसल, मिल्खा सिंह के बेटे को फिल्मों का काफी शौक है। मिल्खा सिंह ने बताया था कि यात्रा के दौरान फ्लाइट में उनके बेटे जीव फिल्में देखा करते थे। ऐसे ही एक सफर के दौरान उनके बेटे ओम प्रकाश मेहरा की फिल्म 'रंग दे बसंती' देख रहे थे। इसे देखकर ही उन्हें लगा कि उनके पिता की बायोपिक को राकेश ओमप्रकाश मेहरा से अच्छा कोई नहीं बना सकता। इसके बाद जीव ने अपने पिता मिल्खा सिंह को फिल्म के लिए मना लिया था।
बता दें कि 13 जून को मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का कोरोना के कारण निधन हो गया था। मिल्खा सिंह के परिवार में तीन बेटियां डॉ मोना सिंह, अलीजा ग्रोवर, सोनिया सांवल्का और बेटा जीव मिल्खा सिंह हैं। जीव मिल्खा गोल्फर हैं और अपने पिता की तरह ही पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं।