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स्वर कोकिला Lata Mangeshkar अब सिर्फ यादों में...नेहरू से लेकर मोदी तक...हर दौर में राजनेताओं से मिला सम्मान
नई दिल्ली। स्वर साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। रविवार की सुबह जैसे ही उनके निधन की खबर आई उनके चाहने वाले स्तब्ध रह गए। लता ताई ने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। वह करीब एक महीने से बीमार थीं। उन्हें 8 जनवरी को कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) होने के बाद भर्ती किया गया था। लता मंगेशकर हर दिल अजीज थीं। आम से खास तक उनका सम्मान करते थे। राजनीतिक विचारधाराओं से परे राजनेताओं ने उनका सम्मान किया। खेल जगह, फिल्म जगत कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जहां लता दी को आदर न मिलता हो। आजादी पाने बाद हर दौर में सरकारों के लिए लता मंगेशकर सम्मानीय रहीं हैं। नेहरू से लेकर मोदी तक उनका सम्मान करते आए हैं।
| Published : Feb 06 2022, 03:48 PM IST / Updated: Feb 06 2022, 03:54 PM IST
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लता मंगेशकर को पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) से लेकर हर दौर के राजनेताओें ने सम्मान दिया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee), वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी उनके फैन में शामिल थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने शोक जताते हुए कहा कि यह खालीपन नहीं भरा जा सकेगा। इस दौरान मोदी सरकार ने दो दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। केंद्र सरकार ने लता मंगेशकर के निधन पर 2 दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है। उन्हें सम्मान देने के लिए राष्ट्रीय ध्वज दो दिनों तक आधा झुका रहेगा।
बाला साहेब ठाकरे के परिवार से उनका पारिवारिक संबंध था। बाला साहेब के बेटे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हों या उनके भतीजे मनसे चीफ राज ठाकरे, दोनों के परिवारों से वह घुलीमिली रहती थीं।
लता मंगेशकर हर दिल अजीज थीं। आम से खास तक उनका सम्मान करते थे। राजनीतिक विचारधाराओं से परे राजनेताओं ने उनका सम्मान किया। खेल जगह, फिल्म जगत कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जहां लता दी को आदर न मिलता हो।
लता मंगेशकर ने 20 से ज्यादा भाषाओं में 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। उन्हें कई अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया है।भारत सरकार ने साल 2001 में उन्हें 'भारत रत्न' (सर्वोच्च नागरिक का सम्मान) के सम्मान से सम्मानित किया है।
लता मंगेशकर को भारत के तीनों सर्वोच्च नागरिक सम्मान (भारत रत्न, पद्म भूषण और पद्म विभूषण) सहित तीन राष्ट्रीय और चार फिल्मफेयर पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। 1974 में लता मंगेशकर लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में परफॉर्म करने वाली पहली इंडियन बनी थीं।
लता दीदी ने छोटी सी उम्र में मंच पर गायन शुरू कर दिया था। आपको जानकर बेहद हैरानी हो सकती है उन्हें पहली बार मंच पर गाने के लिए मजह 25 रुपए मिले थे। हालांकि उस दौर में वो रकम भी महीने कुछ दिन के गुजारे के लिए बहुत होती थी। इस 25 रुपए की की कमाई को ही वह अपनी पहली कमाई मानती हैं। उन्होंने पहली बार 1942 में मराठी फिल्म 'किती हसाल के लिए गाना गाया था।
लताजी के पिता दीनानाथ मंगेशकर (Dinanath Mangeshkar) एक प्रसिद्ध मराठी थिएटर अभिनेता, प्रसिद्ध नाट्य संगीत संगीतकार और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीतज्ञ एवं गायक थे। इनका जन्म गोवा में मंगेशी (Mangeshi Village Goa) नामक गांव में हुआ था। दीनानाथ मंगेशकर के पिता, गणेश भट्ट नवाथे एक कर्हाडे ब्राह्मण थे तथा प्रसिद्ध मंगेशी शिव मंदिर गोवा में पुजारी थे।
दीनानाथजी के परिवार का मूल उपनाम "हार्डिकर" था। चूंकि, इनके परिवार को मंगेशी मंदिर (Mangeshi Temple Goa) के शिवलिंग के लिए अभिषेक का पारंपरिक सौभाग्य प्राप्त हुआ था। अतः उन्हें "अभिषेकी" उपनाम से भी जाना जाने लगा था। हालांकि, दीनानाथ ने अपने पिता के परिवार के दोनो उपनामों को नहीं अपनाया। वे परिवार सहित गोवा के मंगेशी गांव में रहते थे और वहीं पैदा हुए थे, इसलिए उन्होंने अपना उपनाम मंगेशकर जिसका अर्थ था "मंगेश द्वारा " अपनाया जो संयोग से, मंगेश देवता, मंगेशी मंदिर के देवता का नाम भी है।
28 सितंबर, 1929 को इंदौर में एक मध्यमवर्गीय मराठा परिवार में जन्मी लता (Lata Mangeshkar) का नाम पहले 'हेमा' था। हालांकि जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम 'लता' रख दिया था। लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। लता के अलावा उनकी बहनें मीना, आशा, उषा और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं। महज 5 साल की उम्र से ही लता ने गाना सीखना शुरू कर दिया था, क्योंकि पिता दीनदयाल रंगमंच के कलाकार थे। लता को संगीत की कला विरासत में मिली थी।