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बेहद संघर्ष भरी रही है भाईजान के बॉडी डबल की जिंदगी, भतीजे ने सुनाई दर्द भरी कहानी
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प्रतापगढ़ के अंतू थाना क्षेत्र के चौखड गांव के रहने वाले राज किशोर पांडे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उन्होंने भारतीय सेना में रहते हुए 1962 के भारत चीन युद्ध और 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में भी भाग लिया था। राजकिशोर पांडे के 6 बेटों में सबसे बड़े गवर्नमेंट टीचर व दो बेटे सेना में अफसर थे। सबसे छोटे बेटे गुड्डू पांडे को बचपन से ही एक्टिंग,सिंगिंग,डांसिंग का शौक था।
गुड्डू क्षेत्र के ख्यातिलब्ध एथलीट में शुमार थे। कबड्डी, रेसिंग, लम्बी कूद आदि में वह हमेशा अव्वल आते थे। बचपन में गांव से ही शिक्षा प्राप्त करने के बाद गुड्डू ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक किया। लेकिन फिल्मों में जाने और एक्टर बनने का शौक उन्हें हमेशा बेचैन करता रहता था, जिसके लिए उन्होंने मुम्बई की राह पकड़ ली। गुड्डू की उम्र मात्र पांच साल थी तभी उनके पिता की मौत हो गई थी।
गुड्डू पांडे के भतीजे शैलेन्द्र के मुताबिक घर के लोग नहीं चाहते थे कि वह मुम्बई फ़िल्मी दुनिया में जाएं, पारिवार के लोग उन्हें सरकारी नौकरी में देखना चाहते थे। लेकिन गुड्डू ने किसी की नहीं सुनी और उन्होंने सीधे अपने सपने को साकार करने पर फोकस किया। उन्होंने बताया कि मेरे गांव के बगल के रहने वाला एक शख्स मशहूर प्रोड्यूसर प्रहलाद निहलानी की गाड़ी चलाते थे। उन्ही के साथ मेरे गुड्डू भी मुंबई चले गए।
फिल्मों में जब बड़ा रोल नहीं मिला तो उन्होंने सलमान खान की तरह बॉडी बनाने का फैसला किया जिसके बाद उनका सपना साकार हुआ और उन्हें सलमान खान के बॉडी डबल का रोल मिलने लगा जिसके बाद बजरंगी भाईजान, बॉडीगार्ड, दबंग समेत कई फिल्मों में सलमान के बॉडी डबल का किरदार निभाया।
सागर पांडे के भतीजे शैलेन्द्र ने बताया कि सागर पूरे गांव में हीरो चाचा के नाम से मशहूर थे । वह जब भी गांव आते बच्चों के साथ खूब खेलते और मस्ती करते थे। अभी 15 दिन पहले ही वह गांव आए थे एक भोजपुरी फिल्म की शूटिंग करने के लिए। उनके असमय जाने से पूरा गांव दुखी है।