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किसानों ने बुलाया भारत बंद, देश को होगा इतने हजार करोड़ का नुकसान, आप पर भी पड़ेगा असर
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संयुक्त किसान मोर्चा ने आज भारत बंद बुलाया है। देश के कई राज्हियों में बंद का असर दिखाई दे रहा है। आज सुबह 6 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक के लिए ये बंद बुलाया गया है।
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए आज यानि 27 सितंबर को किसान संगठनों ने भारत बंद बुलाया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व के तहत तीन दर्जन से अधिक किसान संगठनों ने 27 सितंबर को भारत बंद करने की लोगों से अपील की है। भारत बंद का आह्वान सुबह 06 बजे से शाम 04 बजे तक किया गया है।
किसानों के इस भारत बंद को विपक्षी दलों ने भी समर्थन दिया है। कांग्रेस और माकपा से लेकर राकांपा और तृणमूल कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने किसान संगठनों के भारत बंद के समर्थन का ऐलान किया है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन के 26 सितंबर को 10 महीने हो गए हैं।
भारत बंद के दौरान किसानों ने दावा किया है कि अस्पताल, दवा की दुकान, एंबुलेंस समेत अन्य मेडिकल से जुड़ी सारी सेवाओं को बाधित नहीं किया जाएगा। किसी छात्र को परीक्षा या इंटरव्यू में जाना है तो उसे भी नहीं रोका जाएगा।- वहीं कोरोना से जुड़ी किसी भी सर्विस को बाधित नहीं किया जाएगा।
किसी भी तरह की हिंसा और तोड़फोड़ नहीं किए जाने की अपील किसानों ने की है।फायर ब्रिगेड, व्यक्तिगत इमरजेंसी जैसी किसी भी घटना से जुड़े कार्यक्रमों और कार्यों को नहीं रोका जाएगा।वा किसान संगठनों ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि भारत बंद का सर्मथन करने के लिए जोर-जबरदस्ती ना की जाए। व्यापारियों से स्वेच्छा से सब कुछ बंद करने की अपील की जाए।
भारत बंद से आम जनता को तकलीफ तो उठानी ही पड़ती है। वहीं एक दिन पूरा व्यवसाय बंद रहने से इकॉनामी को हजारों करोड़ का नुकसान होता है। उद्दोग सीआईआई के अनुमान के मुताबिक एक दिन के भारत बंद से इकोनॉमी को करीब 25 से 30 हजार करोड़ का नुकसान होता है।
इससे पहले जब किसानों ने अपने आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर भारत बंद बुलाया था, उस दौरान कन्फेडेरेशन इंडियन इंडस्ट्रीज ( CII ) ने ये जानकारी दी थी कि भारत बंद से हुए असर की भरपाई भी नहीं हो पाती है, क्योंकि जो होटल, व्यापारिक प्रतिष्ठान, रेल या बस सेवाएं एक दिन के लिए पूरी तरह ठप रही वो उस दिन के नुकसान की भरपाई नहीं कर पाती हैं। उस दिन की कमाई चली जाती है जिसकी वजह से सरकार को मिलने वाला टैक्स भी चला जाता है।
छोटे दुकानदारों की बिक्री प्रभावित होती है, जिससे उस दिन की कमाई मारी जााती है। देश में ऐसे हजारों उद्योग हैं जो बंद से सीधे प्रभावित होते हैं। वहीं रोज कमाने खाने वालों को इस दिन काम नहीं मिलता है। इससे उनके घर चूल्हा जलना भी मुश्किल हो जाता है।