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भारत को SBI जैसे 4-5 और बैंकों की जरूरत, वित्त मंत्री ने IBA को देशव्यापी डिजीटल मैपिंग करने कहा
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कोविड-19 के बाद बैंकिंग सेक्टर काफी बदला
वित्त मंत्री ने कहा, ''अगर हम कोविड-19 के बाद की परिस्थितियों को देखें तो भारत का बैंकिंग सेक्टर काफी बदला नजर आता है, जिसने डिजिटलीकरण को सफलतापूर्वक अपनाया है। महामारी के दौरान कई देशों के बैंक अपने ग्राहकों तक नहीं पहुंच पाए, कवहीं, भारतीय बैंकों के डिजिटलीकरण की बदौलत हमें डीबीटी और डिजिटल मैकेनिज्म के जरिए छोटे, मझोले और बड़े अकाउंट होल्डर्स को पैसे ट्रांसफर करने में मदद मिली।''
वहीं सीतारमण ने कहा कि देश में अब भी कई ऐसे स्थान हैं, जहां बहुत आर्थिक गतिविधियां होने के बावजूद मजबूत बैंकिंग सुविधाएं नहीं हैं। ऐसे में बैंकों को अपनी मौजूदगी बढ़ाने पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंकों के बही-खाते में अब ज्यादा क्लियर हैं। इससे सरकार को मदद मिलेगी क्योंकि इस तरह पुनर्पूंजीकरण से जुड़ी जरूरतों में कमी आ जाएगी।
"NARCL 'बैड बैंक' नहीं है"
सीतारमण ने कहा कि नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी को अमेरिका की तरह भारत में 'बैड बैंक' नहीं कहा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि NARCL फंसे हुए कर्ज के समधान के लिए बहुत तेज गति से काम करेगी। वित्तमंत्री ने कहा, ''400 बिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने के लिए बैंकों को और फुर्ती के साथ काम करना होगा और हर इकाई की जरूरत को समझना होगा।''
आधुनिक टेक्नालॉजी को अपनाएं बैंक
वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटलीकरण से कारोबार के तरीके में काफी बदलाव आया है और बैंकों को अब भविष्य के बारे में सोचना होगा और टेक्नालॉजी के साथ तालमेल बिठाना होगा। वित्त मंत्री ने आईबीए को बैंक शाखा संचालन और उनके स्थान की उपस्थिति के संबंध में देश के प्रत्येक जिले का डिजिटाइज्ड मैपिंग करने के लिए भी कहा है। सीतारमण ने कहा, इससे उन कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी जहां कोई बैंकिंग उपस्थिति नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा, हर जगह फीजिकल बैंकिंग उपस्थिति होना जरूरी नहीं है। देश के ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क ने लगभग 7.5 लाख पंचायतों में से दो-तिहाई को कवर किया है। इसका उपयोग असंबद्ध क्षेत्रों में भी बैंकिंग सेवाएं देने के लिए किया जा सकता है।
"निजी क्षेत्र के डीएफआई को विकास की जरूरतों को पूरा करने की जरूरत है"
मंत्री सीतारमण ने निजी क्षेत्र में भी विकास वित्त संस्थानों के महत्व और आवश्यकता को चिन्हांकित किया। उन्होंने कहा कि हमने निजी क्षेत्र में भी डीएफआई के आने के लिए पर्याप्त प्रावधान किए हैं। हमें उम्मीद है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के डीएफआई के बीच अच्छी प्रतिस्पर्धा होगी, ताकि प्रतिस्पर्धी कीमतों पर पैसा उपलब्ध हो सके।