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कोरोना संकट में भी लोगों ने नहीं छोड़ा पूजा-पाठ, मंदी के बावजूद 15 फीसदी बढ़ा अगरबत्ती का कारोबार
बिजनेस डेस्क : कोरोना काल में वैसे तो हर बिजनेस में घाटा हुआ है। लॉकडाउन होने की वजह से कई धंधे पूरी तरह बंद हो गए पर पूजा में इस्तेमाल होने वाली धूप और अगरबत्ती के बिजनेस में तेजी आई है और इस साल इसमें 15 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड 19 महामारी के बीच लोगों में भगवान के प्रति आस्था बढ़ी है इसलिए धूप और अगरबत्ती की मार्केट में डिमांड भी बढ़ी है।
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जिस तरह से धूप और अगरबत्ती के करोबार में बढोत्तरी हुई है, उससे ये बात साफ है कि आने वाले समय में ये कारोबार और ग्रोथ करेगा।
अगरबत्ती की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अगरबत्ती एवं धूप उद्योग को सब्सिडी भी दे रही है।
इस साल अगरबत्ती और धूप के कारोबार में 15 फीसदी की बढ़त हुई है। अगरबत्ती कंपनी मोड रिटेल एंड मार्केटिंग के निदेशक संजीव नायर ने कहा कि अगरबत्ती और धूप का घरेलू बाजार 15, 000 करोड़ रुपये का है और सालना 15 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
जानकारों का कहना है कि देश में अगरबत्तियों की मौजूदा मांग 3, 000 टन की है जबकि आपूर्ति इसकी आधी है। अभी तक बाकी माल चाइना और वियमतनाम से मंगवाया जाता था पर अब आत्मनिर्भर भारत से देश बढ़ रहा है और निवेशकों को आकर्षित भी कर रहा है।
संजीव नायर ने बताया कि धूप-अगरबत्ती उद्योग में निवेशक आकर्षित हो रहे हैं। मोड रिटेल के प्रमुख ब्रांड प्रभु श्रीराम (पीएसआर) ब्रांड में देश विदेश के निवेशकों ने लगभग 100 करोड़ रुपये के निवेश करने की इच्छा जताई है। जिसमें से कई समझौतों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
धूप और अगरबत्ती की कई कंपनियां छोटे और मीडियम शहरों में अपना कारोबार बढ़ाने का विचार कर रही हैं। इससे स्वरोजगार को बढ़ावा भी मिलेगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।