MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Business
  • Money News
  • नए लेबर कोड का सैलरी पर क्या होगा असर, जानें कितनी बढ़ेगी या घटेगी सैलरी

नए लेबर कोड का सैलरी पर क्या होगा असर, जानें कितनी बढ़ेगी या घटेगी सैलरी

बिजनेस डेस्क। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ने 4 लेबर कोड के तहत (Labour Codes) के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है। इन 4 कोड को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचित किया जा चुका है। वहीं, इन्हें लागू करने के लिए अलग से नियमों को भी अधिसूचित करने की जरूरत है। इन नियमों को लागू किए जाने के बाद इम्प्लॉइज की सैलरी स्ट्रक्चर पर बहुत असर पड़ेगा। अगर सरकार वेज की नई परिभाषा लागू करती है, तब इम्प्लॉइज का पीएफ (PF) कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ जाएगा। इसके अलावा सैलरी स्ट्रक्चर में और भी कई तरह के बदलाव हो सकते हैं। जानें इसके बारे में।(फाइल फोटो) 

3 Min read
Asianet News Hindi
Published : Feb 15 2021, 01:07 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
17
नए नियम के तहत भत्ते कुल सैलरी में बेसिक सैलरी (Basic Salary) का 50 फीसदी या ज्यादा रखना होगा। फिलहाल, देश में सभी इंडस्ट्रीज में बेसिक सैलरी ग्रॉस सैलरी का 30 से 50 फीसदी तक होती है। नए नियम के तहत हर कंपनी को सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करना होगा। बेसिक सैलरी सीटीसी (CTC) का कम से कम 50 फीसदी करना होगा और बाकी में अलाउंस का हिस्सा होगा। (फाइल फोटो)
27
नए नियमों के तहत इम्प्लॉई का पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ जाएगा। पीएफ का आकलन बेसिक सैलरी के आधार पर ही किया जाता है। जब बेसिक सैलरी बढ़ कर 50 फीसदी हो जाएगी, तब कर्मचारी को ज्यादा पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन देना होगा। इससे इम्प्लॉयर का कॉन्ट्रिब्यूशन भी बढ़ेगा। (फाइल फोटो)
37
नया लेबर कोड लागू होने पर कर्मचारी की इन हैंड सैलरी कम हो जाएगी, क्योंकि पीएफ का कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ जाएगा। इसका फायदा रिटायरमेंट के बाद मिलेगा, क्योंकि ग्रैच्युटी बढ़ जाएगी। यह बेसिक सैलरी पर ही कैलकुलेट की जाती है। (फाइल फोटो)
47
अगर किसी कंपनी की बेसिक सैलरी कुल कम्पनसेशन का 20 से 30 फीसदी है, तो उसका वेज बिल 6 से 10 फीसदी तक बढ़ जाएगा। जिन कंपनियों में बेसिक सैलरी ग्रॉस का 40 फीसदी है, उनका वेज 3 से 4 फीसदी तक बढ़ेगा। (फाइल फोटो)
57
किसी भी कंपनी का फिक्स्ड टर्म वाले कर्मचारियों पर खर्च बढ़ जाएगा। इसकी वजह यह है कि ग्रैच्युटी को अनिवार्य कर दिया जाएगा। हाई सैलरी और मिड सैलरी रेंज में बोझ कम पड़ेगा, लेकिन कम सैलरी वाली रेंज में कंपनी का खर्च 25 से 30 फीसदी तक बढ़ जाएगा। इससे हर साल सैलरी में मिलने वाले इन्क्रीमेंट पर असर पड़ सकता है। (फाइल फोटो)
67
अगर बेसिक पे और ग्रॉस का रेश्यो 30 फीसदी के आसपास है, तो वेज कोड लागू होने के बाद इसे बढ़ाकर 60 फीसदी किया जा सकता है। इससे कंपनियों पर दोगुना बोझ बढ़ सकता है। इसके साथ ही फिक्स्ड टर्म वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देनी होगी, भले ही वे 5 साल की नौकरी पूरी करें या नहीं। नया कोड लागू होने पर कर्मचारी साल के अंत में लीव एनकैशमेंट की सुविधा ले सकते हैं। (फाइल फोटो)
77
केंद्र सरकार ने 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को मिलार 4 नए कोड बनाए हैं, जिनमें वेज और सोशल सिक्युरिटी के कोड भी शामिल हैं। इन कोड का वर्कर्स के साथ ही इम्प्लॉयर पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा। नए कोड में बेसिक पे, डीए, रीटेनिंग और स्पेशल अलाउंसेज को शामिल किया गया है। एचआरए, कन्वेंस, बोनस, ओवरटाइम अलाउंसेज और कमीशन्स को इससे बाहर रखा गया है। नए नियम के तहत सभी भत्ते कुल सैलरी का 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकते। अगर ये 50 फीसदी से ज्यादा होते हैं, तो ज्यादा राशि को वेज का हिस्सा माना जाएगा। (फाइल फोटो)

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved