18 साल के लड़के की कंपनी में रतन टाटा ने लगाए पैसे, क्या काम करती है ये?
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किस मॉडल पर काम करती है कंपनी
यह स्टार्टअप कंपनी फार्मेसी-एग्रीगेटर बिजनेस मॉडल पर काम करती है। यह दवा के कारोबार से बिचौलियों की भूमिका को खत्म कर सस्ती दवा बेचने की कोशिश कर रही है। फिलहाल, इसे दवा के बड़े ब्रांड्स और ऑनलाइन फार्मेसी कंपनियों से कड़ी प्रतियोगिता का सामना करना पड़ रहा है।
डायबिटीज और बीपी की दवाइयां
यह कंपनी असंगठित क्षेत्र में दवा की दुकानों को आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और ब्रांडिंग में मदद करती है। यह कंपनी अभी मुख्य रूप से डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की दवाइयां कम कीमत पर उपलब्ध करा रही है। जल्दी ही इसकी योजना कैंसर की दवाइयां उपलब्ध कराने की भी है।
मार्केट रेट से 20-30 फीसदी कम कीमत
जेनरिक आधार कंपनी डब्ल्यूएचओ-जीएमपी फैसिलिटी से सीधे दवाइयां मुहैया कराती है। इसके लिए कंपनी ने 4 डब्ल्यूएचओ-जीएमपी सर्टिफाइड मैन्यूफैक्चरर्स से समझौता किया है। ये मैन्यूफैक्चरर्स पालगढ़, अहमदाबाद, पुड्डुचेरी और नागपुर के हैं। ये कंपनी को मार्केट रेट से 20-30 फीसदी कम पर दवाइयां मुहैया कराते हैं। इससे उपभोक्ताओं को कम कीमत पर दवाई मिल जाती है।
सालाना रेवेन्यू है 6 करोड़ रुपए
अभी इस कंपनी का सालाना रेवेन्यू 6 करोड़ रुपए है। इसके देश भर में 35 फ्रेंचाइजी स्टोर हैं। कंपनी ने मुंबई, पुणे, बेंगलुरु और ओडिशा में 30 रिटेलर्स के साथ टाई-अप किया है। कंपनी की योजना इसे बढ़ा कर 1000 करने की है। यह फ्रेंचाइजी मॉडल पर किया जाएगा। इससे कंपनी की पहुंच तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, नई दिल्ली, गोवा और राजस्थान में भी हो जाएगी। इस कंपनी में फिलहाल 55 कर्मचारी हैं, जिनमें फार्मासिस्ट, आईटी इंजीनियर और मार्केटिंग प्रोफेशनल्स शामिल हैं।