SIP में जल्द निवेश शुरू करने से होते हैं कई फायदे, मिलता है शानदार मुनाफा
बिजनेस डेस्क। अगर करियर की शुरुआत से ही बचत करके छोटी रकम से ही निवेश शुरू किया जाए तो आगे चल कर इसका बड़ा फायदा मिलता है। बहुत लोग कई तरह के खर्चों की वजह से समय पर निवेश की शुरुआत नहीं कर पाते हैं, वहीं कुछ लोग सोचते हैं कि आगे चल कर बड़ी राशि एक साथ ही जमा करेंगे। दरअसल, इस तरह सोचने से बचत की आदत नहीं लग पाती और जब जरूरत पड़ती है तो कोई फंड नहीं होता। ऐसे में, कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए छोटी बचत से भी जल्दी निवेश करने की आदत डालना बढ़िया रहता है। सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने पर आगे चल कर शानदार रिटर्न मिलता है। जानें इसके बारे में।
(फाइल फोटो)
| Published : Oct 24 2020, 11:00 AM IST / Updated: Oct 24 2020, 11:06 AM IST
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500 रुपए से भी कर सकते हैं निवेश
म्यूचुअल फंड में एसआईपी (SIP) के जरिए 500 रुपए से भी निवेश की शुरुआत की जा सकती है। इसमें कोई भी निवेश कर सकता है। म्यूचुअल फंड में निवेश शेयर बाजार में पैसा लगाने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है। म्यूचुअल फंड में आपके निवेश को बाजार को ठीक से समझने वाले लोग मैनेज करते हैं। इसमें फायदा ही होता है, नुकसान की कोई संभावना नहीं होती।
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पड़ती है बचत की आदत
करियर के शुरुआती दौर में ही सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए निवेश शुरू कर देने पर बचत करने की आदत पड़ जाती है। इसका फायदा आगे चल कर मिलता है। इस योजना में निवेश की शुरुआत करने पर हर महीने कमाई का कुछ हिस्सा बचाना पड़ता है। शुरुआती दौर में की गई बचत का आने वाले समय में काफी फायदा होता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, जिम्मेदारियों के साथ खर्चे भी बढ़ जाते हैं। तब इस बचत का लाभ समझ में आता है।
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आय के हिसाब से कर सकते हैं निवेश
बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) स्कीम में एकमुश्त पैसे जमा करने होते हैं। वहीं, दोबारा पैसे जमा करने के लिए फिर से एफडी करानी होती है। सेविंग अकाउंट में ब्याज बहुत कम मिलता है। वहीं, एसआईपी में कोई जब चाहे, जितना चाहे पैसा ज्यादा या कम जमा कर सकता है। न्यूनतम निवेश 500 रुपए जरूर करना होता है।
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बढ़ा सकते हैं निवेश
एसआईपी (SIP) में कोई जब चाहे, अपना निवेश बढ़ा सकता है। जब सैलरी बढ़ जाए या इनकम ज्यादा हो तो इस योजना में ज्यादा पैसा लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, कोई चाहे तो अलग से एसआईपी खोल सकता है।
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ऑटोमेट कर सकते हैं पेमेंट
इस स्कीम में अगर कोई किस्त नहीं चुका पाए तो इसे छोड़ भी सकता है या फिर पेमेंट को ऑटोमेट किया जा सकता है। इस तरह, एसआईपी में काफी फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है। इसका काफी फायदा होता है।
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कम्पाउंडिंग का मिलता है फायदा
एसआईपी में जल्दी निवेश करना शुरू कर देने पर ब्याज भी जल्दी मिलना शुरू हो जाता है। वहीं, कम्पाउंडिंग इंटरेस्ट की वजह से बचत पर मिले ब्याज पर भी ब्याज मिलता है। इससे मुनाफा काफी तेजी से बढ़ता जाता है। जब बार-बार ऐसा होता है और ब्याज पर ब्याज, फिर उस पर भी ब्याज मिलता रहता है, तो एक लंबी अवधि के बाद पैसे काफी हो जाते हैं। अगर पहले साल 1 लाख रुपए पर 10 हजार का ब्याज मिलेगा तो अगले साल 10 फीसदी की दर से 1.10 लाख पर आपको 11 हजार रुपए ब्याज मिलेगा। इस तरह इस स्कीम में पैसे बढ़ते ही जाते हैं।
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