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दिल छू लेने वाली है बिहार के इस लड़के के IPS बनने की कहानी, 'मैं खाकी हूं' कविता से सुर्खियों में है आजकल
नई दिल्ली. देश में कई आईपीएस अफसर है लेकिन कुछ ऐसे भी अफसर होते हैं जिनकी पहचान काम की बदौलत देश में ऐसी बन जाती है कि लोग उन्हें बस नाम से जानने लगते हैं। सुकीर्ति माधव मिश्र भी इन दिनों पुलिस महकमे में अपने अलग हुनर से पहचान पा चुके हैं। बचपन से पुलिस में आने का सपना देखने वाले सुकीर्ति ने 15 लाख रुपये सालाना की नौकरी छोड़ आज आईपीएस अफसर बन चुके हैं। आइए आज हम जानते हैं इस युवा आईपीएस अफसर के बारे में, जो आज कल अपने हुनर के बदौलत लोगों के बीच में हिट हो रहे हैं।
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मूल रूप से बिहार के जमुई जिले के मलयपुर गांव के रहने वाले सुकीर्ति ने सरकारी स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की है। उनके पिता कृष्ण कांत मिश्र जूनियर हाईस्कूल में टीचर और मां कविता मिश्र हाउसवाइफ हैं।
गांव के सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने के बाद सुकीर्ति ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई भुवनेश्वर यूनिवर्सिटी से की है। साल 2010 में MNIT दुर्गापुर से MBA की डिग्री हासिल करके वे कोल इंडिया में मैनेजर पद पर नौकरी कर रहे थे।
सुकीर्ति बताते हैं कि जब तक मैं कोल इंडिया में नौकरी कर रहा था, मेरे जेहन में आईपीएस अफसर को लेकर कोई ख्वाहिश नहीं थी। लेकिन जब पिता जी ने कहा कि उनका सपना है कि वे देश और समाज की सेवा के लिए आईपीएस अफसर बने तब जा कर मैंने इस बारे में सोचा।
वे कहते हैं कि जब मैं कोल इंडिया में नौकरी कर रहा था तब तक मुझे वहां दो साल हो चुके थे लेकिन मुझे सिविल सर्विसेस के बारे में ज्यादा पता नहीं था। लेकिन फिर मैनें नौकरी करते-करते ही सिविल सर्विसेस की तैयारी शुरू कर दी।
दो साल की कड़ी तैयारी के बाद सुकीर्ति ने वर्ष 2014 में सिविल सर्विसेज का पहला एग्जाम दिया और पहले ही अटेंप्ट में उनका सेलेक्शन हो गया। लेकिन तब उन्हें आईआरएस कैडर मिला, वे इससे खुश नहीं थे। उन्होंने फिर से तैयारी शूरू कर दी और दूसरे अटेंप्ट में उन्हें आईपीएस कैडर मिल गया।
वर्तमान में वे वाराणसी में एसपी के पद पर तैनात हैं। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में वे अपने इस नौकरी के कारण नहीं हैं। बल्कि अपने कविता लेखन के हुनर से देशभर में चर्चित हैं। उनकी लिखी कविता 'मैं खाकी हूं' पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बन गई है। ट्विवटर पर अब तक कई आईपीएस अफसर इसे शेयर कर चुके हैं। साथ ही आम लोगों की बीच यह कविता काफी पॉपुलर हो चुकी है।
जब इनकी कविता जम्मू कश्मीर के पुलिस अधिकारी इम्तियाज हुसैन ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की तो साढ़े सात हजार से ज्यादा लोगों ने इसे लाइक किया।
ट्विटर पर अपनी कविता के बारे में सुकीर्ति ने लिखा कि मेरी ये कविता हर उस व्यक्ति को समर्पित है जो ऐसे कठिन समय में देश के लिए कुछ कर पा रहा है।
सुकीर्ति माधव ने ये कविता मेरठ में अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान लिखी थी। लेकिन कोरोना के कारण इस समय देश में लॉकडाउन है और पुलिस सड़को पे तो ऐसे में उनकी ये कविता काफी पसंद की जा रही है। खासकर पुलिस महकमे में इसे खूब शेयर किया जा रहा है।