- Home
- Entertainment
- Other Entertainment News
- जब घर के बाहर लगी रहती थी कर्जदारों की लाइन तो मजबूरी में अमिताभ को झुकना पड़ा था इस शख्स के सामने
जब घर के बाहर लगी रहती थी कर्जदारों की लाइन तो मजबूरी में अमिताभ को झुकना पड़ा था इस शख्स के सामने
मुंबई. अमिताभ बच्चन आज यानी की रविवार को अपना 78वां बर्थडे मना रहे हैं। उनका जन्म 11 अक्टूबर, 1942 को यूपी के प्रयागराज (इलाहाबाद) में हुआ था। कक्षा सातवीं तक उन्होंने अपनी पढ़ाई वहीं पर बीएचएस स्कूल में ही की थी। इसके बाद उनका परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया था। हालांकि, बिग बी की आगे की शिक्षा नैनीताल से हुई है। अमिताभ आज भले ही सफलता की ऊंचाइयों पर हैं, लेकिन उनकी जिंदगी में भी एक ऐसा पल आया जब वो कर्जों में डूब गए थे और परेशान रहने लगे थे। उन्हें लगा था कि अब सब कुछ खत्म हो गया है।

आज जब घर-घर में केबीसी का सीजन-12 लेकर फिर से अमिताभ बच्चन से दर्शकों से रूबरू हो रहे हैं, तो आपको बता दें कि ये केबीसी ही है, जिसने अमिताभ बच्चन की डूबती जिंदगी को सहारा दिया था।
सन् 2000 की ही बात है, जब अमिताभ बच्चन पूरी तरह कर्ज में डूब चुके थे। उन पर 90 करोड़ का कर्ज था। उनकी कंपनी एबीसीएल (अमिताभ बच्चन कॉपरेशन लिमिटेड) बंद होने की कगार पर आ गई थी। उनके पास न खास फिल्में थी और न ही कोई दूसरा ऐसा काम, जिससे वो कर्ज चुका सकते थे।
उनके घर 'प्रतीक्षा' के बाहर सुबह से लेनदारों की लंबी लाइन लग जाया करती थी। सिर्फ इतना ही नहीं, पैसे वापस लेने के लिए लोग उन्हें गालियां और धमकियां तक देते थे। बिग बी ही नहीं, पूरे बच्चन परिवार के लिए यह बेहद बुरा वक्त था।
अमिताभ ने खुद एक बार इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया था कि उनके 44 साल के करियर का वो सबसे बुरा और भयानक वक्त था। तब बिग बी यश चोपड़ा के पास काम मांगने गए थे और यश ने उन्हें 'मोहब्बतें' में एक अहम रोल दिया था। मगर, जितना कर्ज अमिताभ पर था, उसके लिए सिर्फ 'मोहब्बतें' में एक रोल मिलना काफी नहीं था।
अमिताभ लगातार अपने लिए कर्जों से उबरने के लिए अवसरों की तलाश कर रहे थे। तभी उनके पास केबीसी का प्रोजेक्ट आया। अमिताभ को काम की जरूरत थी। काम क्या था, इस बारे में ज्यादा सोचना उन्हें ठीक नहीं लगा। उन्होंने हां कर दी और सबकी सोच से इतर इस शो ने रातों-रात बिग बी को फिर से एक बार आम जनता और सिनेमा इंडस्ट्री दोनों के सामने एक नए रूप में पेश किया।
अमिताभ इसके बाद जहां लोगों को करोड़पति बनने का मौका दे रहे थे, वहीं, वह खुद भी अपने कर्ज और आर्थिक तंगी से बाहर निकल रहे थे। अक्सर उन्हें कहते सुना जाता है कि केबीसी उनकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा है और हमेशा रहेगा।
शायद यही वजह रही कि अमिताभ जब भी केबीसी को होस्ट करते हैं, तो उनमें एक अलग ही तरह की सहजता और सौम्यता नजर आती है। जैसे वह पूरी जी जान से इस शो से दर्शकों को जोड़ने के लिए जुट जाते हैं।
समय-समय पर उन्होंने नए-नए रूप धरकर और प्रतिभागियों की फरमाइश पर तरह-तरह के ऐक्ट करके मनोरंजन करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।