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- हेमा मालिनी को देखते ही फिदा हो गए थे धर्मेंद्र, नहीं चाहते उनके आसपास भी कोई फटके
हेमा मालिनी को देखते ही फिदा हो गए थे धर्मेंद्र, नहीं चाहते उनके आसपास भी कोई फटके
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धर्मेंद्र- हेमा की पहली मुलाकात ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म 'आसमान महल' के प्रीमियर के दौरान 1965 में हुई थी। तब तक धर्मेंद्र फिल्म इंडस्ट्री में सुपर स्टार के तौर पर स्थापित हो चुके थे और हेमा एक ही फिल्म (सपनों के सौदागर 1968) में अभिनय कर पाई थीं, जो फ्लॉप रही थी। लेकिन धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होने लगे। धर्मेंद्र, हेमा की अदाओं के इतने दीवाने हो गए थे कि उनके आसपास भी किसी को फटकने नहीं देते थे।
दोनों की नजदिकियां फिल्म 'शोले' (1975) की शूटिंग के दौरान बढ़ी और 1980 में दोनों ने शादी कर ली। बता दें कि ये वो वक्त था जब धर्मेंद्र की शादी हो चुकी थी। उन्होंने 1954 में प्रकाश कौर से शादी की थी।
एक रियलटी शो में हेमा ने एक सवाल के जवाब में बताया था, "जब नासिक में फिल्म 'प्रतिज्ञा' की शूटिंग चल रही थी, तब धर्मेंद्र को मैंने 'मैं जट यमला पहला दीवाना' गाने पर डांस करते देखा, उनका वह डांस देख मैं उन पर पूरी तरह से फिदा हो गई थी।"
हेमा की साउथ इंडियन फैमिली इस प्यार से बिल्कुल खुश नहीं थी। एक तो धर्मेंद्र पंजाबी थे दूसरा वह पहले से ही शादीशुदा थे। इस वजह से उन्हें हेमा से चोरी छिपे मिलना पड़ता था। कई बार हेमा के परिवार से कोई न कोई शूटिंग सेट पर भी आ जाता, इसलिए मिलना और मुश्किल हो जाता था। वे दोनों शूटिंग के बाद बाहर भी नहीं मिल पाते थे।
धर्मेंद्र और हेमा एक तरह के पहरे के बीच शूटिंग करते थे। धर्मेंद्र ने इसका एक नया तोड़ निकाला। जिन-जिन फिल्मों में वह हेमा मालिनी के साथ शूट कर रहे होते उन फिल्मों के कैमरामैन को पटा लेते थे। हेमा के साथ रोमांटिक सीन के रीटेक बार-बार हों, इसके लिए वह कैमरामैन से कह देते कि शॉट को एक बार में ओके नहीं करना। कभी कैमरामैन लाइट कम होने की बात करता तो कभी कोई और वजह बता देता। धर्मेंद्र ने इसका भी एक कोड वर्ड बनाया था।
जब धर्मेन्द्र और हेमा-मालिनी की शादी हुई, उस समय हेमा मालिनी हिंदी फिल्मों की नंबर वन हीरोइन थीं। उनकी फिल्मों के लाखों-करोड़ों दीवाने थे। धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी ने शादी से पहले एक दर्जन से भी अधिक फिल्मों में साथ में काम किया। धर्मेन्द्र पहले से ही विवाहित थे, लेकिन वह ड्रीमगर्ल के लिए सारे बंधन तोड़कर आगे बढ़ गए। यह वह दौर था जब धर्मेन्द्र की बेटी की भी शादी हो चुकी थी और बड़े बेटे सनी देओल फिल्मों में आने की तैयारी कर रहे थे।
कुछ ही समय में धर्मेन्द्र, हेमा के परिवार से इतने घुल-मिल गए कि हेमा की मां जया और पिता वी. एस. रामानुजम चक्रवर्ती अक्सर उन्हें डिनर पर बुलाने लगे, लेकिन जब हेमा ने धर्मेन्द्र के साथ अपने रिश्ते की बात अपनी मां को बताई तो वह बेहद नाराज हुईं। हेमा मालिनी का हाथ मांगने वालों की कोई कमी नहीं थी। बॉलीवुड में जितेंद्र और संजीव कुमार जैसे कुंवारे और सफल हीरो हेमा से शादी करने को उत्सुक थे। खुद हेमा मालिनी की मां को संजीव कुमार बेहद पसंद थे।
बॉलीवुड के दो सुपरस्टार्स की शादी बेहद सादे अंदाज में हुई। दूल्हे धर्मेन्द्र न तो बारात लेकर आए और न घोड़े पर सवार हुए, लेकिन दुल्हन के बंगले पर कर्नाटक संगीत गूंज रहा था। पुरोहितों ने पूरे विधि-विधान से विवाह संपन्न कराया। विवाह होने के बाद जो मेहमान आए थे उन्हें परंपरा के अनुसार केले के पत्ते पर भोजन कराया गया। उपमा, चावल, रसम और सांभर परोसे गए।
धर्म बदलकर हेमा-धर्मेन्द्र की शादी हो गई। शादी के बाद भी हेमा मालिनी अकेली रह गईं। धर्मेन्द्र ने तमाम कोशिशें की, पर वह कभी हेमा मालिनी को शादी के बाद वह स्थान नहीं दे सके जो उन्होंने अपनी पहली पत्नी को दिया था। हेमा ने अकेले ही अपने दोनों बेटियों की परवरिश की और फिर राजनीति में आ गईं।
धर्मेंद्र और हेमा मालिनी ने एक दर्जन से ज्यादा सुपरहिट फिल्में दी। इस जोड़ी का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोलता था। डायरेक्टर्स भी अपनी फिल्मों में ज्यादा से ज्यादा इस जोड़ी को ही कास्ट करना चाहते थे। 'तुम हंसी मैं जवां' इन दोनों की साथ में पहली मूवी थी, जो 1970 में आई थी। इसके बाद नया जमाना, शराफत, सीता और गीता, राजा रानी, पत्थर और पायल, जुगनू, प्रतिज्ञा, बारूद, चरस, ड्रीम गर्ल, शोले, द बर्निंग ट्रेन, नसीब, आस-पास, रजिया सुल्तान शामिल हैं।