जहर देने की घटना को लेकर पहली बार बोलीं लता मंगेशकर, कहा- ये शख्स न होता तो मैं कभी ठीक न होती
First Published Nov 27, 2020, 7:39 PM IST
मुंबई। स्वर साम्राश्री लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को लेकर एक पुराना किस्सा है कि 33 साल की उम्र में उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। लता की करीबी मित्र पद्मा सचदेव की किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में भी इस बात का जिक्र है। यह घटना 1963 की है जब लता को लगातार उल्टियां हो रही थीं। डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि उन्हें धीमा जहर दिया गया है। हालांकि अब खुद लता मंगेशकर ने इस कहानी के पीछे से पर्दा हटाया है। लताजी ने एक बातचीत में कहा- हम मंगेशकर्स इस बारे में बात नहीं करते। क्योंकि यह हमारी जिंदगी का सबसे भयानक दौर था। साल था 1963। मुझे इतनी कमजोरी महसूस होने लगी थी कि मैं बेड से बड़ी मुश्किल से उठ पाती थी।

एंटरटेनमेंट पोर्टल बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक, जब लताजी से पूछा गया क्या ये सच है कि डॉक्टर्स ने उन्हें कह दिया था कि वे दोबारा कभी नहीं गा पाएंगी? इसके जवाब में लताजी ने कहा- ये बात सही नहीं है। ये एक काल्पनिक कहानी है, जो मुझे दिए जाने वाले धीमे जहर के इर्द-गिर्द गढ़ी गई है।

लताजी के मुताबिक, डॉक्टर ने मुझे ऐसा कभी नहीं कहा था कि मैं दोबारा नहीं गा पाऊंगी। मुझे ठीक करने वाले हमारे फैमिली डॉक्टर आरपी कपूर ने तो मुझसे ये तक कहा था कि वे मुझे अपने पैरों पर खड़ी कर देंगे। पिछले कुछ सालों में लोगों को ये गलतफहमी हुई है। मैंने कभी अपनी आवाज नहीं खोई थी।
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