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Sanjeev Kumar Death Anniversary: आखिर क्यों औरतों पर शक करता था एक्टर, 1 खौफ के चलते ठीक से नहीं जी जिंदगी
मुंबई. वेटरन एक्टर और अपनी अदायगी से सबकों दीवाना बनाने वाले संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) की 36वीं डेथ एनिवर्सरी है। 6 नवंबर, 1985 को 47 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। संजीव ने अपने फिल्मी करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। खबरों की मानें तो उनके लिए कहा जाता है कि वे औरतों पर शक करते थे। उनकी कई एक्ट्रेसेस से गहरी दोस्ती थी। उनके साथ एक प्रॉब्लम ये थी कि जब कभी कोई महिला उनकी तरफ आकर्षित होती या उनका अफेयर शुरू होता तो उन्हें शक होने लगता कि कहीं ये उनकी दौलत और नाम के पीछे तो ऐसा नहीं है। और इसी डर की वजह से उन्होंने जिंदगीभर शादी नहीं की। इतना ही नहीं उन्हें एक बात को और भी डर था। नीचे पढ़े संजीव कुमार की जिंदगी से जुड़ी कुछ बातें और किस बात का उन्हें डर हमेशा डर रहता था...
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शायद कम ही लोग जानते हैं कि संजीव कुमार उनका असली नाम नही था। उनका असली नाम हरिभाई जरिवाला था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत गुजराती नाटक और थिएटर से की थी। उनकी पहली फिल्म हम हिंदुस्तान थी और इसके बाद उन्होंने एक से एक बढ़कर फिल्में दीं।
संजीव कुमार को हमेशा से लगता थी कि वो ज्यादा दिन तक जी नहीं पाएंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि उनके परिवार के पुरुष 50 साल से ज्यादा जी नहीं पाते थे। उन्होंने 47 साल की उम्र में आखिरी सांसे लीं थी। उनके छोटे भाई निकुल का निधन उनसे पहले हो गया था और उनके दूसरे भाई किशोर का निधन संजीव कुमार की मौत के बाद हो गया था।
संजीव कुमार को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था और उन्होंने फिल्म स्कूल में दाखिला लिया था। संजीव अपने करियर में अपने किरदारों पर हमेशा प्रयोग किए। कहा जाता है कि थिएटर के दौरान उन्होंने 22 साल की उम्र में 60 साल के आदमी का किरदार निभाया था।
1970 में आई फिल्म खिलौना में उनके किरदार को लोगों ने काफी पसंद किया। फिल्म सुपरहिट रही और संजीव कुमार रातोंरात स्टार बन गए। इसी साल फिल्म दस्तक भी रिलीज हुई, जिसमें उन्हें उनके किरदार के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड दिया गया था।
संजीव कुमार ने करियर में ज्यादातर गंभीर रोल प्ले किए। लेकिन असल जिंदगी में काफी संजीदा व्यक्ति थे। उनका दिल हेमा मालिनी पर आ गया था, लेकिन ये प्यार उनकी किस्मत में नहीं था और उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अकेले ही बिता दी।
दरअसल, उनका रिश्ता ना बनना का कारण धर्मेंद्र को माना जाता है। कहा जाता है कि हेमा भी संजीव को चाहने लगी थीं लेकिन इसी बीच धर्मेंद्र ने उनको शादी के लिए प्रपोज कर दिया था, जिसके बाद हेमा ने संजीव के शादी के प्रपोजल को ठुकरा दिया था। हेमा के अलावा उनका अफेयर सुलक्षणा पंडित से भी था लेकिन संजीव ने शादी से इनकार कर दिया। नतीजा ये रहा कि सुलक्षणा पंडित ने भी जिंदगीभर शादी नहीं की।
संजीव कुमार का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ था। उनके निधन के बाद उनकी 10 फिल्में रिलीज हुई थी। इनमें से उन्होंने 3 या 4 फिल्मों की शूटिंग पूरी की थी बाकि फिल्मों की स्टोरी के दूसरे पार्ट में बदलाव कर रिलीज किया गया।
संजीव कुमार की पहली फिल्म हम हिंदुस्तानी (1960) थी। इसके अलावा उन्होंने निशान (1965), बादल (1966), शिखर (1968), अनोखी रात (1968), दस्तक (1970), मन मंदिर (1971), कोशिश (1972), मनचली (1973), अनामिका (1973), आप की कसम (1974), उलझन (1975), पापी (1977), त्रिशूल (1978), नौकर (1979) सहित कई फिल्मों में काम किया।
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