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Waheeda Rehman Birthday Special:शादीशुदा गुरुदत्त वहीदा रहमान के इश्क में गए थे डूब,अधूरी रह गई थी प्रेम कहानी
मुंबई. 60 के दशक की खूबसूरत अदाकारा वहीदा रहमान (Waheeda Rehman)का आज जन्मदिन हैं। 3 फरवरी 1938 में तमिलनाडु में पैदा हुई वहिदा अपना 84वां जन्मदिन मना रही हैं। बेहद ही खूबसूरत एक्ट्रेस ने हिंदी, तमिल, तेलुगु, बंगाली और मलयालम भाषाओं में कई फिल्में की हैं। हिंदी सिनेमा में वहिदा का अहम योगदान हैं। करोड़ों लोगों के दिल में आज भी वहिदा धड़कती हैं वो गुरुदत्त की खोज थीं। जी हां वहीदा रहमान को हिंदी पर्दे पर लाने का श्रेय गुरुदत्त साहब को जाता है। आइए अभिनेत्री के जन्मदिन पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें...
| Published : Feb 03 2022, 07:37 AM IST
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वहीदा रहमान का जब भी नाम आता है तो उनके साथ गुरुदत्त का जिक्र जरूर होता है। डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, कोरियग्राफर और बेहतरीन एक्टर गुरुदत्त ने वहीदा रहमान की खोज की थी। गुरुदत्त ने उन्हें एक साउथ इंडियन फिल्म में देखा था। उनकी खूबसूरती और अदायगी के वो इतने कायल हो गए कि वहिदा को मुंबई लाने का फैसला किया। (साभार:waheedaxrehman/ Instagram)
वहीदा को गुरुदत्त ने अपनी प्रोडक्शन की फिल्म सीआईडी में वहीदा को पहला मौका दिया। इस मूवी में इनके साथ देव आनंद थे। इसके बाद इसके बाद साल 1957 में फिल्म प्यासा में गुरुदत्त और वहीदा की जोड़ी नजर आई। इस फिल्म ने हिंदी सिनेमा में एक नई क्रांति ला दी।
शादीशुदा गुरुदत्त वहीदा रहमान के इश्क में डूब गए थे। जिसकी वजह से उनकी शादीशुदा जिंदगी में भूचाल आ गई थी। गीता दत्त और गुरुदत्त में दूरियां बढ़ने लगी।साल 1957 में गुरुदत्त और गीता दत्त की शादीशुदा जिंदगी में दरार आ गई और दोनों अलग रहने लगे।
वहीदा रहमान के घरवालों को भी ये रिश्ता पसंद नहीं था। गुरुदत्त हिंदू थे जबकि वहिदा मुसलमान। कहा जाता है कि वो धर्म बदलकर वहिदा के साथ शादी करना चाहते थे। लेकिन साल 1963 में गुरुदत्त ने वहीदा को छोड़कर अपना घर बचाने के लिए निकल पड़े। लेकिन गीता दत्त नहीं मानी। गुरुदत्त अपनी बेटी से मिलना चाहते थे। लेकिन वो नहीं मानी। पत्नी और बच्चों से दूर रहना और वहीदा का साथ छोड़ना गुरुदत्त को बर्दाश्त नहीं हुआ। एक दिन गुरुदत्त की मौत की खबर आई और पूरी दुनिया हैरान रह गई। आज तक पता नहीं चला कि गुरुदत्त की मौत हादसा थी या उन्होने खुदकुशी थी।
वहीदा रहमान साल 2005 तक बड़े पर्दे पर नजर आईं। वो 2005 में 'रंग दे बसंती' में मां की भूमिका में दिखाई दीं। दिल्ली 6 और वाटर मूवी में भी वो नजर आईं। अदाकारा ने कई ऐसी फिल्में जिसका नाम सुनते ही उसे देखने का मन करता है। साहिब बीबी और गुलाम, गाइड, तीसरी कसम, पत्थर के सनम, चौदहवीं का चांद, काला बाजार, कागज के फूल, प्यासा जैसे सुपरहिट फिल्में उन्होंने दी।
वहीदा को उनकी फिल्मों के लिए कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। नीलकमल फिल्म के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार से उन्हें नवाजा गया था। गाइड के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार मिला। 1972 में पद्म श्री, 2011 में पद्म भूषण पुरस्कार, रेश्मा मूवी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 1994 में फिल्मफेयर लाइफटाइम एचीवमेंच अवॉर्ड से उन्हें सम्मानित किया गया। 2006 में उन्हें एनटीआर राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया।
साल 1974 में उन्हें सह-अभिनेता कमलजीत ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखा, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। अदाकारा ने करियर के पीक पॉइंट पर उन्होंने शादी रचा ली। उनका वैवाहिक जीवन काफी सुखमय रहा। लेकिन वर्ष 2000 में पति कमलजीत से उनका साथ सदा के लिए छूट गया। अब वो अपने दोनों बच्चों के साथ रहती हैं।वहीदा रहमान का बंगला समंदर किनारे स्थित हैं। इसलिए इस बंगले का नाम ‘साहिल’ रखा गया है।
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