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2004 का वो हादसा, जिसे जोगी ने बताया था जादू-टोना..उसके बाद फिर कभी व्हील चेयर से नहीं उठ पाए
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पहली तस्वीर जोगी की प्रशासकीय सेवा के दौरान की है। उन्हें हॉर्स राइडिंग का बड़ा शौक था। दूसरी तस्वीर में नवाब पटौदी के संग जोगी। सबसे पहले आपको बता दें कि जोगी 16 साल से व्हील चेयर पर क्यों थे? बात 2004 के लोकसभा चुनाव की है। जोगी चुनाव प्रचार के बाद मैनपुर क्षेत्र से लौट रहे थे, तभी उनकी कार एक पेड़ से टकरा गई थी। इस हादसे के बाद जोगी को रोबोटिक पैरों का सहारा लेना पड़ा। इस हादसे को जोगी ने एक साजिश बताया था। मैनपुर के पास के बोईरगांव के किसान सम्मेलन में कहा था कि उन्हें मारने के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लिया गया था। जोगी ने दावा किया था कि बेहोशी में उन्हें आभास होता था कि कोई उनकी जान लेने आया है।
अजीत जोगी का जन्म छत्तीसगढ़ के पेंड्रा में 29 अप्रैल 1946 को हुआ था। जोगी 1968 में आईपीएस बने। लेकिन दो साल बाद उन्होंने आईएएस ज्वाइन कर ली। इसके बाद वे लगातार 14 साल तक कलेक्टर रहे। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। वे मप्र के इंदौर और छग के रायपुर में भी कलेक्टर रहे। रायपुर में कलेक्टरी के दौरान वे रोज हॉर्स राइडिंग करते थे।
जोगी 1986 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। उस दौरान वे कांग्रेस में अलग-अलग पदों पर रहे। अपनी पार्टी के गठन से पहले जोगी को कांग्रेस का दिग्गज नेता माना जाता था। वे 1998 में रायगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गए थे। (मोदी के साथ जोगी.दूसरी तस्वीर में पत्नी रेणु के साथ जोगी)
जब 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बना, तो जोगी को मुख्यमंत्री बनाया गया। वे 2003 तक राज्य के सीएम रहे। हालांकि 2004 में हुए हादसे के बाद उनका राजनीति ग्राफ लगातार नीचे गिरता गया। (एक कार्यक्रम के दौरान जोगी)
यह तस्वीर 8 अक्टूबर, 2006 की है। अजीत जोगी और रेणु जोगी ने जब अपनी 31वीं वेडिंग एनिवर्सरी मनाई थी। दूसरी तस्वीर में जोगी और रेणु।
अजीत जोगी ने 2016 में कांग्रेस से बगावत करके अपनी नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नाम से गठन किया था। (अपने बेटे अमित और पत्नी रेणु के साथ जोगी)