- Home
- States
- Chhattisgarh
- ये है कुख्यात नक्सल कमांडर हिडमा, 24 जवानों की शहादत के पीछे है जिसका हाथ..जानिए पूरी कुंडली
ये है कुख्यात नक्सल कमांडर हिडमा, 24 जवानों की शहादत के पीछे है जिसका हाथ..जानिए पूरी कुंडली
बीजापुर (छत्तीसगढ़). सुकमा और बीजापुर की सीमा पर जंगल में शनिवार को हुए सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 24 जवान शहीद हो गए। वहीं 31 घायल जवान अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि अभी कई और जवान और लापता बताए जा रहे हैं। इस हमले का मास्टरमाइंड 25 लाख के इनामी नक्सल कमांडर का हिडमा का हाथ बताया जा रहा है। जिसने इस हमले की पूरी साजिश रचकर अंजाम दिया है। आरोपी नक्सली मुठभेड़ के दौरान करीब 250 नक्सलियों को लीड कर रहा था। आइए जानते हैं कौन है यह कुख्यात नक्सल कमांडर हिडमा...
- FB
- TW
- Linkdin
कई नामों से जाना जाता है हिडमा
दरअसल, इस नक्सल कमांडर का पूरा नाम माड़वी हिडमा है। जो संतोष उर्फ इंदमुल उर्फ पोडियाम भीमा जैसे कई और नामों से भी जाना जाता है वह बीते 13 सालों में कई हमलों में शामिल रहा है और निर्मम हत्याओं के लिए कुख्यात है। पुलिस-फोर्स ने उसे पकड़ने के लिए 25 लाख का इनाम तक घोषित कर रखा है। इसका नाम छत्तसीगढ़ के नक्सलियों में टॉप नक्सल कमांडर में आता है।
आधुनिक हथियारों से लैस है उसकी टीम
हिडमा का सुकमा और बीजापुर गढ़ है, यहां पर होने वाली सभी नक्सली गतिविधियों पर उसका ही हाथ होता है। इस इलाके में जितने भी नक्सली हमले हुए हैं हिडमा की भूमिका शामिल रही है। वह कभी छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शरण लेकर रहता है। उसके पास सभी तरह के आधुनिक हथियार हैं। उसकी टीम क पास यूबीजीएल, रॉकेट लॉन्चर, एके 47 जैसे हथियार हैं।
20 सालों से स्कूल नहीं लगा
हिडमा का जन्म सुकमा जिले के पुवर्ती गांव म हुआ था, यह गांव दुर्गम पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच में बसा हुआ है। इस गांव तक पहुंचने के लिए पुलिस कई सालों से प्रयास कर रही है, लेकिन अभी तक यहां नहीं पहुंच सकी है। बताया जाता है कि हिडमा के गांव करीब 20 साल से कोई स्कूल नहीं लगा है। कोई भी टीचर यहां नहीं आना चाहता है, आसपास के इलाकों में हिडमा का बोलबाला चलता है। यहां पर उसकी ही हुकूमत या सरकार चलती है।
दसवीं तक पढ़ा लेकिन फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता
उसकी उम्र 40 साल के आसपास बताई जाती है। बताया जाता है कि उसका पालन-पोषण ऐसे समय में हुआ है जब इस इलाके में नक्सलवाद चरम पर था और माओवादियों की ही चलती थी। हिडमा सिर्फ दसवीं क्लास तक पढ़ा है, लेकिन पढ़ने-लिखने में उसकी रूचि रही है। वह फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोलता है। साथ ही वह स्मार्ट फोन का उपयोग करता है। बताया जाता है कि वह अपने साथ एक नोट बुक लेकर चलता है। जिसमें वह अपना पूरा शेड्यूल नोट करता है।
पिछले साल मार्च के महीने में आरोपी हिडमा ने सुकमा में हुए नक्सली हमले में 17 जवानों की जान ली थी। वहीं अप्रैल 2019 में बीजेपी विधायक भीमा माडवी, उनके ड्राइवर और तीन सुरक्षाकर्मियों की नक्सलियों ने हत्या की थी।