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गरीबों की परेशानी देखकर भावुक हुईं डिप्टी कलेक्टर, फिर लिया जिंदगीभर का एक बड़ा फैसला
मुंगेली, छत्तीसगढ़. यह हैं डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल। कहते हैं कि अगर हौसला हो और कुछ कर गुजरने का माद्दा तो शारीरिक विकलांगता आड़े नहीं आ पाती। अनुराधा इसी का उदाहरण हैं। अपने कार्यशैली के कारण लोगों में लोकप्रिय अनुराधा कोरोना काल में भी लोगों की मदद के लिए हमेशा आगे बनी हुई हैं। अब उन्होंने सारी नौकरी अपनी एक दिन की सैलरी कटवाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि गरीब लोग परेशान हैं, अगर हम थोड़ भी उनके काम आ सके, तो खुशी होगी। उन्होंने कहा कि अपने रिटायरमेंट तक वे एक दिन की सैलरी दान करने जा रही हैं। इस संबंध में अनुराधा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सचिवालय को पत्र लिखा है।
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डिप्टी कलेक्टर अनुराधा ने कहा कि कोरोना के कारण जो लॉकडाउन हुआ, उससे कई गरीबों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। वे चाहती हैं कि कुछ इनकी मदद हो सके। बता दें कि अनुराधा मुंगली में पिछले तीन से डिप्टी कलेक्टर हैं। 35 वर्षीय अनुराधा की अभी 30 साल सर्विस है। उन्हें हर महीने 60 हजार रुपए वेतन मिलता है।
अनुराधा दोनों पैरों से दिव्यांग हैं। वे मूलत: जांजगीर जिले की रहने वाली हैं। उन्हें 2017 में केबीसी की हॉट सीट पर बैठने का मौका मिला था। इसमें उन्होंने 12 सवालों के जवाब देकर 12.50 लाख रुपए जीते थे। (केबीसी के दौरान अपने पति और बेटी के साथ अनुराधा)
अनुराधा कहती हैं कि उनके पति दीनदयाल अग्रवाल हमेशा उनका सपोर्ट करते हैं। जब उन्होंने एक दिन की सैलरी कटवाने का फैसला लिया, तब भी उन्हें खुशी हुईं। अनुराधा जब एक साल की थीं, तभी उन्हें पोलिया हो गया था। अनुराधा ने इकॉनोमिक में मास्टर डिग्री की है। अनुराधा बताती हैं कि उनके पति घर के कामों में भी उनकी मदद करते हैं। (यह तस्वीर तब की है, जब अनुराधा केबीसी में भाग लेने मुंबई जा रही थीं)
अनुराधा कहती हैं कि उनकी एक पांच साल की बेटी है। वे खुश हैं कि एक दिन की सैलरी कटवाने के फैसले को सभी ने सराहा। (केबीसी में अमिताभ बच्चन के साथ अनुराधा)