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बेटी और बहू ने आंसू पोंछते हुए बुजुर्ग की अर्थी को दिया कंधा, जिसने भी देखा ये दुखद पल वह रो पड़ा
धमतरी (छत्तीसगढ़). लॉकडाउन के दौरान देश के कई हिस्सों से इमोशनल खबरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक मार्मिक तस्वीर छत्तीसगढ़ से देखने को मिली है। जहां एक बुजुर्ग के निधन के बाद उसकी अर्थी को कंधा देने को पुरुष नहीं, बल्कि घर की बहू और बेटी कंधा दे रहीं थीं। दरअसल, यह भावुक कर देने वाली घटना धमतरी जिले की है। शनिवार को नगरी के देऊरपारा के रहने वाले बुजर्ग मोहन लाल साहू का निधन हो गया था। बता दें कि मृतक के बेटे की पहले ही मौत हो चुकी है। अब ऐसे में बहू और बेटी को ही कंधा देना पड़ा। शायद यह पहला ऐसा मामला है जब घर की बेटी और बहू ने घर के बुजुर्ग को एक साथ कांधा देते हुए श्मशान घाट तक पहुंचीं।
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शनिवार को नगरी के देऊरपारा के रहने वाले बुजर्ग मोहन लाल साहू का निधन हो गया था। बता दें कि मृतक के बेटे की पहले ही मौत हो चुकी है। अब ऐसे में बहू और बेटी को ही कंधा देना पड़ा। शायद यह पहला ऐसा मामला है जब घर की बेटी और बहू ने घर के बुजुर्ग को एक साथ कांधा देते हुए श्मशान घाट तक पहुंचीं।
बेटी-बहू को कंधा देते देख हर आंख हुई नम: जिस किसी ने बहू-बेटी को एक साथ अर्थी में कंधा देते हुए देखा तो उसकी आंखों से भी आंसू निकल आए। हर कोई यही कह रहा था कि हे भगवान ऐसे दिन किसी और ना दिखाना। इस अंतिम यात्रा में लॉकडाउन की वजह से कम ही लोग शामिल हो सके थे, रिश्तेदार भी नहीं आ पाए। अंतिम संस्कार भी बहू और बेटी ने मिलकर पूरी रीति-रिवाज के साथ किया और मृतक के नाती साहिल ने मुखाग्नि दी।
बेबसी की यह तस्वीर बिलासपुर ही है। जहां गर्भवती महिला के पति की लॉकडाउन खुलने के बाद मौत हो गई। पति की मौत से वह गहरे सदमे में है, वो रात में चीख उठती है। लॉकडाउन की वजह से काम बंद था और जब चालू हुआ तो भगत यादव की तबियत बिगड़ गई। उसके पेट में दर्द शुरू हुआ जो उसकी मौत हो गई।
वहीं यह सुखद तस्वीर इंदौर शहर की है। जहां एक संक्रमित महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है। फिलहाल दोनों बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हैं।
यह तस्वीर राजस्थान के कोटा शहर की है, जब प्रशासन ने दो महीने बाद दुकान खोलने की मंजूरी दी तो देखिए किस तरह उन्होंने सबसे पहले अपनी रोजी रोटी को नमन किया।