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'वो मेरी जिंदगी और मौत सब कुछ थी' पुलिसकर्मी ने पत्नी की चिता पर लगाई फांसी, 2 महीने पहले हुई थी शादी
रायपुर (छत्तसीगढ़). अभी तक आपने साथ जीने-साथ मरने वाली प्रेम कहानियां बॉलवुड की फिल्मों में देखाी होंगी। लेकिन असली जिंदगी में यह कहानी छत्तसीगढ़ के बालोद में देखने को मिली है। जहां एक पुलिसकर्मी अपनी पत्नी की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सका और आत्महत्या कर के अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। हैरानी की बात युवक ने उसी जगह पर जाकर फांसी लगाई, जहां उसने अपनी जीवनसंगिनी का अंतिम संस्कार किया था। पत्नी की जुदाई में रोज श्मशान पर जाकर रोता था पुलिसकर्मी..पढ़िए मार्मीक लव स्टोरी...
| Published : Aug 12 2021, 05:29 PM IST / Updated: Aug 12 2021, 05:39 PM IST
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दरअसल, यह मार्मिक कहानी बालोद जिले के टेकापार गांव से सामने आई है। जहां पुलिसकर्मी मनीष नेताम की पत्नी हेमलता की मौत 17 दिन पहले घर में फिसलने की वजह से हो गई थी। जीवनसंगिनी के जाने बाद मनीष को इतना गहरा सदमा लगा कि उसकी मोत के 17 दिन बाद वह भी दुनिया को अलविदा कह गया।
बता दें कि मनीष की शादी दो महीने पहले मई के माह में हेमलता से हुई थी। वह पत्नी से बेहद प्यार करता था। सबकुछ ठीक ठाक चल रहा था, कुछ दिन पहले ही नए घर में शिफ्ट हुए थे। दोनों जिंदगी के हंसीन सपने देख रहे थे, अभी एक दूसरे को ठीक से जान भी नहीं पाए थे कि वह हमेशा हमेशा के लिए बिछड़ गए।
मृतक पुलिस जवान की मनीष धमतरी जिले के बोरई थाने में तैनात था। वह रोज ड्यूटी तो जाता था, लेकिन उसका काम में मन नहीं लग रहा था। रोजाना श्मशान में जाकर पत्नी की फोटो देखर रोया करता था। घरवालों और ग्रामीणों के लाख समझाने के बाद वह अपनी पत्नी को भूल नहीं पा रहा था।
बुधवार शाम मनीष श्मशान घाट पर पहुंचा और जहां पर पत्नी की चिता जलाई थी, वहां जाकर रोने लगा। कुछ देर बाद श्मशान में मौजदू एक पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। देखते ही देखते वहां पर भीड़ जमा हो गई। पुलिसकर्मी ने मरने से पहले सुसाइड नोट में मरने के पीछे की वजह बताई है।
मृतक पुलिस के जवान ने आत्महत्या से पहले उसने व्हाट्सऐप पर सुसाइड नोट अपने भाई को भेजा है। जिसमें लिखा-मैंने तला को भूलने को पूरी कोशिश की, लेकिन उसे भूल नहीं पा रहा हूं, अभी-अभी मेरा घर बसा था, सब ठीक चल रहा था, फिर पता नहीं भगवान क्या मंजूर था जो उसने ये सब कर दिया। जब मेरा जीवन साथी ही चला गया तो मैं जीकर क्या करूंगा, इसलिए जा रहा हूं।
आगे सुसाइड नोट में लिखा पापा छोटू दीदी मुझे माफ करना, में आपकी प्यार लता का ठीक से ध्यान नहीं रख सका। इसलिए अब मेरा भी नहीं लग रहा है। जो मोबाइल में चला रहा हूं, वह लता ने ही तोहफे में दिया था। मेरा निवेदन है कि इसे अब छोटू चलाए।