- Home
- States
- Chhattisgarh
- दर्द का सफर! मां की गोद में सोने वाला बच्चा पत्थर पर सोने को मजबूर, पढ़िए मजदूरों की दास्तां
दर्द का सफर! मां की गोद में सोने वाला बच्चा पत्थर पर सोने को मजबूर, पढ़िए मजदूरों की दास्तां
रायपुर (छत्तीसगढ़). कोरोना काल हर कोई अपने घर या गांव पहुंचना चाहता है। चाहे फिर इसके लिए पैदल ही क्यों हजारों किलोमीटर चलना ना पड़े। बेबस-असहाय मजदूरों के लिए अब चिलचिलाती धूप और तपती सड़कें भी दर्द नहीं दे रही हैं। यहां तक कि कईयों के पैर में छाले पड़ गए किसी के पैरों से खून तक निकलने लगा, लेकिन, इसके बाद भी वो रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, उनकी एक ही जिद है, बस हमको घर जाना है। देश के कई हिस्सों से पलायन कर रहे मजदूरों की ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं जो पत्थर का भी दिल पिघला दें। जानिए जानते हैं मजबूर मजदूरों की दर्दभरी कहानी...
| Published : May 16 2020, 11:00 AM IST / Updated: May 16 2020, 04:27 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
लॉकडाउन-3 में सामने आई यह भयावह और दर्दनाक तस्वीर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की है। यह तस्वीर बेबसी, मजबूरी और मायूसी बयां कर रही है। मासूम जब पैदल चलते-चलते थक गया तो वह पत्थर पर सो गया। कभी अपनी मां की गोद में सोने वाले इस मासूम को तपते पत्थर पर ही नींद आ गई।
यह तस्वीर बिलासपुर की है। जहां एक मासूम बच्चा चिलचिलाती धूप और तपती सड़क पर बैठकर खाना खा रहा है।
यह दर्दनाक तस्वीर चंडीगढ़ के मलोया की है। जहां एक 10 साल की बच्ची अपने माता-पिता के साथ नंगे पैर सफर कर रही है। उसके पैरों में न चप्पल है, न सिर पर छांव। इन लोगों को यूपी के उन्नाव जाना है।
यह तस्वीर बिहार के पूर्णिया जिले से सामने आई है। लखनऊ-मुजफ्फरपुर हाईवे पर यह महिला रोती दिखी। वह अपने पति को घर पहुंचाने के लिए लोगों के सामने गिड़गिड़ा रही थी। बता दें कि उसके पति का एक पैर रास्ते में ट्रक की टक्कर से टूट गया है। यह परिवार गुड़गांव से अपने घर पूर्णिया लौट रहा है।
लॉकडाउन में घर लौटते और संघर्ष करते मजदूरों की यह तस्वीर अहमदाबाद में रेलवे स्टेशन की है। जहां एक मां सैकंड़ों मील पैदल चलने के बाद अपने प्यासे बेटे को पानी पिला रही है।
यह तस्वीर हरियाणा के गुड़गांव की है। जहां श्रवण नाम का युवक 1000 किमी दूर घर जाने के लिए पैदल ही निकल पड़ा। चलते-चलते उसके पैर में छाले पड़ गए।
यह तस्वीर देश की राजधानी दिल्ली की है। जहां एक मां अपने बच्चे को कंधे पर बैठाकर पैदल ही घर के लिए निकली।