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लोगों को जिंदा गाड़ने के बाद सीरियल किलर लिखता था चिट्ठी-'गांव में सब ठीक है, चिंता न करें'
| Published : Mar 22 2020, 11:01 AM IST
लोगों को जिंदा गाड़ने के बाद सीरियल किलर लिखता था चिट्ठी-'गांव में सब ठीक है, चिंता न करें'
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बता दें कि इस साइको किलर ने पत्नी लीली, साली पुष्पाद देवांगन और मकान मालिक बहादुर सिंह के अलावा पिता और अन्य तीन की हत्या करना कुबूल की थी। आरोपी ने पत्नी सहित चार लोगों को बेहोश करके जिंदा जमीन में गाड़ दिया था। वहीं, पिता को चलती ट्रेन में पत्थर मारकर मार डाला था।
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सीरियल किलर अरुण चंद्राकर ने पुलिस को बताया था कि एक दिन उसने टीवी पर निठारी कांड की न्यूज देखी थी। उसे अच्छा लगा। इसके बाद वो लगातार इस कांड की खबरों पर नजर रखने लगा। फिर उसे भी ऐसा ही करने का मन होने लगा। वो निठारी कांड के आरोपियों के शातिर दिमाग का फैन हो गया था।
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सीरियल किलर ऐसा पिछले 6 साल से करता आ रहा था, लेकिन पकड़ा 2012 में गया। यानी निठारी कांड सामने आने के बाद से ही यह किलर लोगों को मारने लगा था।
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सीरियल किलन चंद्राकर ने पुलिस को बताया था कि वो पूरी प्लानिंग से हत्याएं करता था। वो हत्याओं के समय कभी उग्र नहीं होता था। एकदम ठंडे दिमाग से अपने काम को अंजाम देता था। इसके बाद घर के पिछले हिस्से में गड्ढा खोदकर लोगों को जिंदा गाड़ देता था।
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यह किलर छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के गुंडरदेही का रहने वाला है। यह एक मामूली चोर था। इसका पुलिस को रिकॉर्ड भी मिला था। इस घटना से पहले यह 24 बार जेल जा चुका था। चोरी करने की इसी आदत के कारण उसके पिता ने 1994 में इसे घर से निकाल दिया था।
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घर छोड़ने के बाद सीरियल किलर फुटपाथ पर अपनी जिंदगी गुजारने लगा। फिर 2008 में कुकुरबेड़ा की रहने वाली लिली से इसे लवमैरिज कर ली। वो लिली के घर में ही रहने लगा।
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लिली से इस सीरियल किलर की पहचान अपने दोस्त मंगलू देवार के कारण हुई थी। देवार से उसकी मुलाकात जेल में हुई थी। जनवरी, 2005 में जेल से छूटने के बाद चंद्राकर हीरापुर गांव में बहादुर सिंह नामक शख्स के घर में किराए से रहने लगा। हालांकि बाद में उसने बहादुर सिंह की भी हत्या कर दी। मंगलू की एक रिश्तेदार थी अनुसुइया। चंद्राकर की पहचान उससे हुई। बहादुर की हत्या के बाद चंद्राकर अनुसुइया के मोहल्ले में आकर रहने लगा। यहीं, उसकी मुलाकात लिली से हुई थी। हत्याओं के बाद भी चंद्राकर लोगों के सामने सहज-सरल बना रहा। सभी हत्याओं के बाद वो अपनी सास-साली या कभी खुद के नाम से चिट्टियां लिखकर पोस्ट करने लगा। वो लिखता था कि गांव में सबकुछ ठीक है..कोई चिंता न करे।
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बता दें कि वर्ष, 2006 में सामने आए निठारी कांड का यह सीरियल किलर मोनिंदर सिंह पंढेर लंबे समय से आसपास के बच्चों को गायब करके उन्हें दफन कर रहा था। इस घटना का खुलासा तब हुआ था, जब दो लोगों को अपनी बेटियों के गुम होने में पंढेर पर शक हुआ। हालांकि शुरुआत में पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरती, लेकिन बाद में मामला गंभीर हुआ, तो पड़ताल की। पंढेर के नौकर सुरेंद्र कोहली ने बताया कि उनका मालिक वेश्याओं के घर लाता था। उन्हें आते-जाते देख उसके मन में भी सेक्स और ह्यूमन बॉडीज को काटने की इच्छा प्रबल होने लगी थी।