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बचपन में इस सरकारी क्वार्टर में रहा करते थे धोनी, दोस्तों के साथ खेलने के लिए पड़ती थी पिता से डांट
स्पोर्ट्स डेस्क। इंडिया टीम के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी के पिता पान सिंह उत्तराखंड के अलमोरा के रहने वाले थे। वह सालों पहले नौकरी की तलाश में रांची गए। जहां मेकॉन कंपनी में जूनियर मेनेजमेंट के पद पर नौकरी कर रहे थे। उन्हें सरकारी क्वार्टर मिला था। यहीं, धोनी का जन्म हुआ था। बचपन में धोनी को दोस्तों के साथ खेलने पर पिता से डांट भी सुननी पड़ती थी। लेकिन, वे दोस्तों को आज भी नहीं भूले हैं।
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धोनी रांची के डीएवी श्यामली स्कूल में पढ़ते थे। शुरूआत में क्रिकेट को लेकर ज्यादा सीरियस नहीं थे। उनका मन बैडमिंटन और फुटबाल में ज्यादा लगता था। फुटबाल टीम के गोलकीपर हुआ करते थे। कोच ने उन्हें क्रिकेट के लिए उत्साहित किया। 10 वीं क्लास से धोनी ने क्रिकेट को अपने जीवन में शामिल किया।
धोनी का पहला प्यार फुटबाल रहा है। वे अपने स्कूल की टीम के गोलकीपर थे। बताते हैं कि वह इंडियन सुपर लीग में वो चैन्यैन एफसी टीम के मालिक भी हैं। फुटबाल के बाद उन्हें बैडमिंटन भी बहुत पसंद था।
करियर की ऊंचाइयों को छूते-छूते सेलिब्रेटीज अपने पुराने दोस्तों को भूल जाते हैं। लेकिन, धोनी ने हमेशा उन दोस्तों को याद रखा, जो उनके करियर के उतार चढ़ाव के दौरान साथ खड़े होते थे। अक्सर वक्त निकालकर उनसे मिलते हैं और अपने दोस्तों का पूरा ख्याल रखते हैं।
धोनी के पास कई मकान है। लेकिन, उनका पूरा परिवार रांची में ही रहता है। माही अपनी छुट्टियां मनाने भी यहीं आते हैं। इस घर में उनकी पत्नी, माता-पिता रहते हैं। ये घर धोनी ने अपनी पसंद से बनवाया है।
धोनी कारों का शौक रखते हैं। उनके पास कई लग्जरी कारें हैं। इतना ही नहीं वे बाइक के भी दीवाने हैं। उनके पास 23 बाइक्स हैं, जिसमें 10 विनटेज और 13 स्पोर्ट्स बाइक्स शामिल हैं।
धोनी एक तरफ जहां क्रिकेट के लिए दिन रात मेहनत करते थे। वहीं, परिवार के लिए वह नौकरी भी करते थे। खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर धोनी को टिकट कलेक्टर की नौकरी मिली थी। उन्होंने 2001 से 2003 तक यह नौकरी की।