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पिच बनाने के लिए रवि बिश्नोई ने 6 महीने तक कोच के साथ की मजदूरी, U-19 वर्ल्डकप में चमके पर एक गलती पड़ गई भारी
नई दिल्ली. अंडर 19 वर्ल्डकप फाइनल में अपनी गेंदबाजी से सभी का ध्यान खींचने वाले रवि बिश्नोई का जीवन संघर्ष से भरा रहा है। राजस्थान के जोधपुर का रहने वाला यह खिलाड़ी बचपन से ही तेज गेंदबाज बनना चाहता था। उस समय रवि के कोच प्रद्योत सिंह थे, जिनसे करीबन 5 लड़के क्रिकेट सीखना चाहते थे। इसी की बदौलत प्रद्योत सिंह और उनके दोस्त ने अपनी नौकरी छोड़कर पिच बनानी शुरू की। इस काम में लगातार 6 महीने तक रवि और उनके दोस्त भी लगे रहे। इसके बाद यहां अभ्यास शुरू हुआ और रवि अपना सपना पूरा करने चल पड़े। U-19 वर्ल्डकप में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया पर फाइनल मैच में बदसलूकी के लिए ICC ने उनके नाम पर 7 डिमेरिंट पॉइंट दिए हैं।
| Published : Feb 11 2020, 05:35 PM IST
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कोचिंग एकेडमी बनने के बाद रवि ने अपनी प्रैक्टिस शुरू की। वो तेज गेंदबाज बनना चाहते थे, पर कम हाइट के कारण उन्हें लेग स्पिन की सलाह दी गई।
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शुरुआत से ही रवि की गुगली बहुत अच्छी थी और दो साल तक अभ्यास करने के बाद यह खिलाड़ी अच्छा लेग स्पिनर बन चुका था।
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बाद में रवि को राजस्थान रॉयल्स के नेट्स में भी प्रैक्टिस के लिए भेजा गया। टीम के कोच ने यहां उनकी काफी मदद की।
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अब रवि बिश्नोई को किंग्ल इलेवन पंजाब ने 2 करोड़ रुपयों में खरीदा है।
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रवि के पिता नहीं चाहते थे कि उनका लड़का क्रिकेट में अपना समय बर्बाद करे, पर कोच के दबाव देने पर वो मान गए।
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अंडर 19 वर्ल्डकप में रवि सबसे सफल गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने 6 मैचों में 17 विकेट निकाले।
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फाइनल मैच में भी उनका प्रदर्शन शानदार था। मैच के शुरुआती 4 विकेट इसी खिलाड़ी ने अपने नाम किए थे।
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आखिरी मैच में बांग्लादेश के खिलाफ जब तक रवि के ओवर बचे थे, तब तक बांग्लादेश ने राहत की सांस नहीं ली थी।
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फाइनल मैच में रवि ने विकेट लेने के बाद आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था। साथ ही बांग्लादेश के खिलाड़ियों के साथ भिड़ने के लिए उन पर ICC ने 7 डिमेरिट पॉइंट लगाए हैं।
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अगले दो साल तक रवि के खाते में ये 7 डिमेरिट पॉइंट रहेंगे। इस दौरान अगर उन्होंने फिर से कोई ऐसी हरकत की तो उन्हें और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।