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यूं ही दिल्ली नहीं संभाल रहे अरविंद कजरीवाल, चट्टान बन खड़ी रहीं पत्नी ने मदद को छोड़ी थी नौकरी
| Published : Jan 11 2020, 12:01 PM IST
यूं ही दिल्ली नहीं संभाल रहे अरविंद कजरीवाल, चट्टान बन खड़ी रहीं पत्नी ने मदद को छोड़ी थी नौकरी
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल की लव मैरिज हुई है। दोनों का प्यार आईआरएस की ट्रेनिंग के दौरान परवान चढ़ा और बाद में शादी तक जा पहुंचा। 1994 में अरविंद और सुनीता ने शादी कर ली।
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केजरीवाल की एक बेटी और एक बेटा है। बेटी का नाम हर्षिता और बेटे का नाम पुलकित केजरीवाल है। अरविंद और सुनीता नागपुर अकादमी में रोज घंटों साथ रहते थे। सुनीता केजरीवाल की बात करें तो वो खुद एक अफसर रह चुकी हैं। सुनीता केजरीवाल 1993 बैच की आईआरएस अधिकारी रही हैं।
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सुनीता ने केजरीवाल से 1995 बैच के आईआरएस अधिकारी से भोपाल में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मुलाकात की थी, जिसके बाद वो डेटिंग करने लगे थे।
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रिकॉर्ड के अनुसार सुनीता केजरीवाल ने जंतु विज्ञान (जूलॉजी) में मास्टर्स डिग्री की है। वह एक होनहार छात्र रही हैं पढ़ाई के बाद उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी की और सफलता भी हासिल की।
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शादी के बाद भी मिसेज केजरीवाल काफी समय तक अधिकारी पद पर कार्यरत रहीं। मिसेज केजरीवाल का सपोर्ट ही है जो आज अरविंद केजरीवाल दिल्ली संभाल रहे हैं। वजह उनकी पत्नी का चट्टान बन खड़े रहना हैं, अकेले घर संभालना है।
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दरअसल साल 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान जब केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ा था, तब सुनीता ने घर संभालने के लिए अपने अधिकारी पद से लंबी छुट्टी ले ली थी। उन्होंने 22 साल तक सेवा के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी।
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उन्होंने दोनों बच्चों को बेहतर संभाला है तभी दोनों बच्चे ने स्कूल में 96 पर्सेंट मार्क्स के साथ टॉप किया था। वहीं उनकी बेटी हर्षिता इंजीनियर बन चुकी है।
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ऐसे कई मौके आए जब केजरीवाल ने पत्नी का खुलकर धन्यवाद किया और आभार जताया था। दिल्ली में मिली प्रचंड जीत के बाद केजरीवाल ने पत्नी सुनीता को गले लगाकार उनका आभार व्यक्त किया था। केजरीवाल ने कहा था, "वह कभी भी सरेआम पब्लिक में नहीं आती है लेकिन वह हमेशा मेरे साथ रहती हैं। अगर मेरी पत्नी नहीं होती तो शायद मैं कभी कुछ हासिल नहीं कर पाता।"
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अगर हम बात करें कि सुनीता को अरविंद केजरीवाल में क्या खूबी अच्छी लगी तो ये भी एक रोचक किस्सा है। दरअसल मिसेज केजरीवाल हमेशा से स्पष्टवादी और साफ दिल हमसफर चाहती थीं।
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उन्हें अरविंद केजरीवाल के साहस और निष्पक्षता पसंद आई। केजरीवाल ने घर के दरवाजे पर जाकर प्रोपोज कर दिया इस अदा ने सुनीता को प्रभावित किया। मिसेज केजरीवाल का सपना था कि उनका होने वाला पति ईमानदार होने के साथ ही देशसेवा को प्राथमिकता देने वाला हो।
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दोनों के परिवार वालों ने आसानी से इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया। अगस्त, 1994 में दोनों की सगाई हो गई। नवम्बर 1994 में आईआरएस के प्रशिक्षण के दौरान दोनों विवाह बंधन में बंध गए। 1995 में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद दोनों दिल्ली चले गए और वहीं बस गए। शादी के एक साल बाद हर्षिता के रूप में बेटी का जन्म हुआ। 2001 में उनके घर में बेटे का जन्म हुआ, इसका नाम पुलकित रखा गया।