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गुजरात चुनाव से पहले इसुदान गढ़वी को जनता ने सीएम फेस बनाया था, मगर जनता ने उन्हें विधायक भी नहीं चुना
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इसुदान गढ़वी चुनाव हार गए। उन्हें 59 हजार 89 वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी मुलुभाई बेरा ने इस सीट से जीत दर्ज की। उन्हें 77 हजार 834 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमभाई अहीर को 44 हजार 715 वोट मिले।
पार्टी ने पत्रकार से राजनेता बने इसुदान गढ़वी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था। केजरीवाल ने कहा था कि यह सब जनता की राय के आधार पर हुआ। आम आदमी पार्टी ने गुजरात में इस बार सभी 182 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे। मगर उसके एक प्रत्याशी ने बीच में ही चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया।
दरअसल, गोपाल इटालिया भी मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, मगर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित बयान देकर पहले ही गलत चर्चा में आ गए थे।
सीएम फेस चुने जाने के बाद इसुदान गढ़वी ने सबसे पहले अरविंद केजरीवाल का आभार जताया था और बाद में जनता का, जिसने उनके लिए सीएम फेस की राय दी थी।
इसुदान गढ़वी का जन्म 10 जनवरी 1982 को देवभूमि द्वारका जिले के खांभलिया में हुआ था। उनके पिता किसान और पशुपालक थे। उनकी शुरुआती पढ़ाई भी खांभलिया में हुई।
इसके बाद इसुदान ने कॉमर्स में ग्रेजुएट किया और फिर 2005 में गुजरात विद्यापीठ से पत्रकारिता किया। वे दूरदर्शन से जुड़कर किसानों पर एक प्रोग्राम होस्ट करने लगे।
करीब डेढ़ साल पहले वे आम आदमी पार्टी से जुड़ गए और चुनाव में पार्टी ने उन्हें खांभलिया सीट से ही उम्मीदवार भी बनाया। इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। मेघजी कंजारिया यहां से विधायक थे।
इसुदान गढ़वी पर शराब पीने और महिलाओं से छेड़खानी का आरोप भी लग चुका है। इस मामले में पुलिस कार्यवाही भी हुई और उन्हें जेल की हवा खानी पड़ी थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने इसुदान के नाम का ऐलान करते हुए कहा था कि राज्य के 16 लाख 48 हजार 500 लोगों ने इसुदान को सीएम बनाने की मांग रखी।
राजनीति में आने से पहले इसुदान गढ़वी पेश से पत्रकार रहे हैं। वे इन दिनों आप के संयुक्त महासचिव हैं। इसके अलावा वे पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं।