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आखिर क्या है बीफ-पोर्क और चिकन में अंतर? टेस्ट ही नहीं, प्रोटीन से लेकर फैट में भी है इतना अंतर
फूड डेस्क: हाल ही में एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ था कि दुनिया में सबसे कम नॉन-वेज भारत में ही खाया जाता है। यानी दुनिया के बाकी हिस्सों में लोग जमकर नॉन-वेज खाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि इन देशों में मछली, चिकन और मटन से ज्यादा बीफ-पोर्क और लैंब खाया जाता है। भारत में बीफ को प्रतिबंधित मांस कहा जाता है। इसमें गाय या भैंस के मांस का इस्तेमाल होता है। भारत में कई राज्यों में पोर्क यानी सूअर का मांस भी खाया जाता है। लेकिन ज्यादातर लोग चिकन और मटन ही खाते हैं। ऐसे में कई लोगों के दिल में ये बात उठती है कि आखिर पोर्क और बीफ का स्वाद कैसा होता है? आज हम आपको इसी सवाल का जवाब देने जा रहे हैं।
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पोर्क, बीफ, लैंब के मांस को रेड मीट कहते हैं। जबकि चिकन और पोल्ट्री जैसे मीट को व्हाइट मीट कहते हैं। इन दोनों मीट के स्वाद और पोषण तत्वों में जमीन-आसमान का अंतर होता है।
अब सवाल उठता है कि रेड मीट और व्हाइट मीट को इस नाम से क्यों बुलाते हैं? रेड मीट में मायोग्लोबिन की मात्रा काफी होती है। इस सेल की वजह से मीट में ऑक्सीजन पहुंचता है जिसकी वजह से मीट का रंग गहरा हो जाता है।
जबकि व्हाइट मीट में मायोग्लोबिन नहीं होता। इस कारण उसका रंग लाइट होता है। इसमें ज्यादातर चिकन ही शामिल है। तो उसका रंग रेड मीट से कम गहरा होता है।
रेड मीट और व्हाइट मीट में फैट की मात्रा के बीच का भी काफी अंतर होता है। चिकन में फैट की मात्रा काफी कम होती है जबकि रेड मीट में फैट की मात्रा काफी ज्यादा होता है। ये फैट का बेहतरीन स्रोत हैं।
रेड मीट में आयरन, जिंक, विटामिन बी जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इन मिनरल्स को बॉडी जल्दी अब्सॉर्व करती है। जबकि सब्जियों में मौजूद आयरन बॉडी अब्सॉर्व नहीं कर पाती है।
100 ग्राम चिकन में 197 कैलोरीज होती है। लेकिन रेड मीट की तुलना में इसमें विटामिन और प्रोटीन कम होते हैं। जो लोग स्पोर्ट्स में होते हैं, उन्हें रेड मीट खाने की सलाह दी जाती है।
हालांकि प्रोटीन के लिए लोग चिकन ही खान प्रेफर करते हैं। ऐसा इसलिए कि भले ही रेड मीट में ज्यादा प्रोटीन होता है लेकिन हमारी बॉडी उसका महज 74 प्रतिशत ही अब्सॉर्व कर पाती है। जबकि चिकन का 80 प्रतिशत प्रोटीन बॉडी में चला जाता है।
इसके अलावा दोनों में सबसे बड़ा फर्क होता है पचने का समय। रेड मीट को हजम करने में वक्त लगता है जबकि चिकन आसानी से पच जाता है।