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गांव में विकास का वादा करके चुनाव जीती थी लेडी सरपंच..लेकिन कुर्सी छिनी..तो डॉन बन बैठी, 5 साल में 5 मर्डर
भिवानी, हरियाणा. चुनावी रंजिश कब खूनी खेल में बदल जाए..कोई नहीं जानता। यहां के बडेसरा में दो परिवारों के बीच 2017 से चली आ रही रंजिश में बुधवार को 5वीं हत्या कर दी गई। हत्यारों ने 2017 में हुए ट्रिपल मर्डर के गवाह 80 वर्षीय बुजुर्ग को उस वक्त गोलियों से भून डाला, जब वो घर के बाहर अपने चबूतरे पर बैठा था। घटना शाम 7 बजे हुई। 4 युवक कार से वहां पहुंचे और बुजुर्ग पर ताबड़तोड़ फायर कर दिए। हत्यारों ने मृतक सूबे सिंह को तीन गोलियां मारीं। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह हत्याकांड सरपंच चुनाव के दौरान से चली आ रही दुश्मनी का नतीजा है। घटना की सूचना मिलने पर डीएसपी विरेंद्र सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें गठित की गई हैं। बता दें कि गांव बडेसरा में सुदेश देवी सरपंच चुनी गई थीं। लेकिन गांव के बलजीत ने आरोप लगाया था कि उन्होंने फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज लगाए हैं। बलजीत ने आरटीआई लगाकर इस मामले का खुलासा किया था। इसके बाद सुदेश देवी को हटा दिया गया था। उनके खिलाफ पुलिस में केस भी दर्ज किया गया था। तभी से दोनों परिवारों के बीच दुश्मनी चली आ रही थी।
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बता दें कि 7 जुलाई, 2017 को बलजीत के परिवार पर सुदेश देवी के लोगों ने हमला किया था। इसमें बलजीत के अलावा उसके परिवार के दो और लोगों की मौत हो गई थी। इस ट्रिपल मर्डर में सूबे सिंह के अलावा बलराज, बालाराम, शिलकराम, विकास व पूर्व सरपंच पवन गवाह हैं। इनमें से शिलकराम व विकास की गवाही हो चुकी है।
हत्यारों ने गवाही देने से पहले ही 14 अक्टूबर, 2019 को पूर्व सरपंच पवन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब ट्रिपल मर्डर में सूबे सिंह और बालाराम की गवाही बाकी थी।
एसआई वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सूबे सिंह की हत्या के बाद गांव में उसके मकान के बाहर पुलिस का पहरा लगा दिया गया है।
सूबे सिंह के पोते ने बताया कि उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया था। लेकिन 2 महीने पहले एक गनमैन को छोड़कर बाकी सुरक्षा हटा ली गई थी। गनमैन भी कभी-कभार ही आता था। घटनावाले दिन गनमैन नहीं आया था।
पुलिस ने बताया कि हमलावर परिवार के 22 सदस्य अभी जेल में है। इधर, पूर्व सरपंच पवन हत्याकांड के गवाह और सूबे सिंह के भतीजे(बायें) राजकुमार ने अपनी जान को खतरा बताया है।