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कृष्ण भक्ति खातिर महिला अफसर भारती अरोड़ा ने छोड़ी IPS की नौकरी, सीएम ने भी किए साइन..
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बता दें कि भारती अरोड़ा ने अपने रिटायरमेंट से करीब 10 साल पहले नौकरी को छोड़ दिया है। जबकि उनका रिटायरमेंट साल 2031 में होना था। लेकिन उन्होंने कृष्ण भक्ति का हवाला देते हुए वीआरएस लेने का फैसला कर लिया है। उनका कहना है कि वह अपनी बाकी बची हुई जिंदगी धार्मिक कार्य या फिर चैतन्य महाप्रभु, कबीरदास और मीराबाई की तरह प्रभु श्रीकृष्ण की भक्ति में बिताना चाहती हूं।
भारती अरोड़ा ने इसी साल अगस्त में पहले भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था। लेकिन उस समय गृह मंत्री अनिल विज ने उनकी फाइल को यह कहकर रोक दिया था कि वह एक अच्छी पुलिस अधिकारी हैं। हरियाणा में ऐसे अफसर को अभी जरूरत है। में नहीं चाहता हूं कि भारती अरोड़ा समय से पहले अपनी नौकरी छोड़ें। पुलिस के अधिकारियों इसे मंजूर नहीं किया था। इसके बाद उन्होंने इसी माह नवंबर महीने फिर वीआरएस के लिए दोबारा आवेदन किया था। जिसे अब राज्य सरकार ने अनुमति दे दी है।
भारतीय पुलिस सेवा में नौकरी करने वाली भारती अरोड़ा 1998 बैच की अधिकारी हैं। उन्होंने 23 साल तक हरियाणा पुलिस सर्विस में नौकरी की है। इस दौरान वो राज्य के कई जिलों में बतौर एसपी रह चुकी हैं। वर्तमान में वह हरियाणआ के अंबाला रेंज की आई जी हैं। वह राई स्पोर्ट्स स्कूल की प्रिंसिपल भी रह चुकी हैं।
बता दें कि भारती अरोड़ा ने अपने रिटायरमेंट से करीब 10 साल पहले नौकरी को छोड़ दिया है। जबकि उनका रिटायरमेंट साल 2031 में होना था। लेकिन उन्होंने कृष्ण भक्ति का हवाला देते हुए वीआरएस लेने का फैसला कर लिया है। उनका कहना है कि वह अपनी बाकी बची हुई जिंदगी धार्मिक कार्य या फिर चैतन्य महाप्रभु, कबीरदास और मीराबाई की तरह प्रभु श्रीकृष्ण की भक्ति में बिताना चाहती हूं।
भारती अरोड़ा की शादी हरियाणा काडर के आईपीएस अधिकारी विकास अरोड़ा से हुई है। विकास अरोड़ा फिलहाल फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर हैं। बता दें कि भारती अरोड़ा और उनके पति विकास अरोड़ा ने हाल ही में यूपी के मथुरा जिले के बरसाना में कोठी बनाई है। भारती अरोड़ा साल 2004 से वृंदावन जा रही हैं।
भारती अरोड़ा राज्य में अपनी ईमानदारी और दबंगाई के लिए जानी जाती हैं। कभी भी उन्होंने कोई समझोता नहीं किया। बड़े-बड़े गुंडे से लेकर मंत्री विधायकों तक के सामने उन्होंने अपना सिर नहीं झकुाया। हरियाणा में मामला कबूतरबाजों पर शिकंजा कसने का हो या आपराधिक मामलों पर नकेल कसने का हर काम को उन्होंने अंजाम दिया है। सरकार ने जब-जब भारती अरोड़ा को जो भी जिम्मेदारी सौंपी, उन्होंने उसे बखूबी निभाया।