पतंग के लिए धागा लेने निकले थे ये बच्चे..12 घंटे बाद मिलीं लाशें, मौत बनी रहस्य
पानीपत, हरियाणा. मॉडल टाउन में एक ब्लीच फैक्ट्री में मिलीं तीन बच्चों की लाशों का रहस्य बना हुआ है। ये बच्चे पतंग के लिए धागा लेने फैक्ट्री में घुसे थे। इसके बाद घर नहीं लौटे। बाद में पुलिस ने इनकी लाशें बरामद की थीं। जब पुलिस पहुंची, तो देखा कि दो बच्चों के मुंह से झाग निकल रहा था, जबकि एक की नाक से खून। बच्चों के परिजनों ने ब्लीच हाउस(फैक्ट्री) के मालिक सहित 12 कर्मचारियों पर हत्या का आरोप लगाया है। लेकिन पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि बच्चों की मौत पानी में डूबने से हुई। हालांकि अभी मौत की वास्तविक वजह सामने नहीं आई है। पुलिस इसे दुर्घटना और हत्या दोनों एंगल से देख रही है। बता दें कि बिंझौल गांव के रहने वाले कुछ बच्चे, जिनमें लक्ष्य (11 वर्ष), वंश (9 वर्ष) और अरुण (11 वर्ष) शामिल हैं..धागा लेने फैक्ट्री में घुसे थे। बताते हैं कि बच्चों को फैक्ट्री मैनेजर पवन और एक अन्य कर्मचारी शोबिला ने पकड़ लिया था। बाकी बच्चे भाग गए, लेकिन ये तीन नहीं भाग सके। इसके बाद इनकी लाशें मिलीं। हालांकि मैनेजर का कहना है कि उन्होंने इन बच्चों को भी डांटकर भगा दिया था। घटना मंगलवार की है। बच्चों के शव अगले दिन करीब 12 घंटे बाद बरामद हुए थे। आग पढ़िए पूरी कहानी...
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बुधवार को इस मामले में बच्चों के परिजनों ने गोहाना रोड पर चक्का जाम कर दिया। वे दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। हालांकि बाद में डीएसपी संदीप कुमार मौके पर पहुंचे और सबको समझाया।
परिजनों का आरोप है कि जब वे अपने बच्चों को ढूंढते हुए फैक्ट्री पहुंचे, तो मालिक की पत्नी और उसके बेटे भी वहां आ धमके। उन्होंने अभद्रता की।
बच्चों की लाशें दिल्ली पश्चिम नहर से निकलने वाले माइनर-9 से दूर ब्लीच हाउस के पास मिली थीं। ब्लीच हाउस के पीछे से नहर निकली हुई है। परिजनों का आरोप है कि जब वे बच्चों की लाश तक पहुंचे, तो देखा कि उन पर मक्खियां भिनभिना रही थीं।
इस मामले में पुलिस ने हरिओम ब्लीच हाउस के मैनेजर पवन, मालिक हरिओम, उनके बेटे अंश और पत्नी सहित 12 लोगों पर मामला दर्ज किया है।
कहा जा रहा है कि फैक्ट्री के लोगों ने बच्चों की हत्या करके शवों को फेंक दिया। लेकिन वे ऐसा मानने से इनकार कर रहे हैं।