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कागज के टुकड़े की तरह 3 किमी तक फट गई धरती और इधर अचानक उठकर खड़ा हो गया जमीन पर गिरा पेड़
महेंद्रगढ़/विदिशा। प्रकृति अपने आप में एक रहस्य है। बेशक वैज्ञानिक कई राज़ों से पर्दा उठा चुके हैं, लेकिन अनगिनत घटनाएं ऐसी होती रहती हैं, जिन पर वैज्ञानिकों को नये सिरे से रिसर्च करना पड़ता है। ये दोनों घटनाएं भी ऐसी ही हैं। पहली(तस्वीर) घटना हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल में शनिवार सुबह देखने को मिलीं। यहां जब लोग सोकर उठे, तो देखा कि करीब 3 किमी तक धरती फट गई थी। इसे विशेषज्ञ भूगर्भीय हलचल मान रहे हैं। भूंकप के दौरान अकसर ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं। लेकिन यहां कोई भूकंप नहीं आया। दूसरी(तस्वीर) घटना मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में पिछले दिनों सामने आई थी। यहां हवा-पानी की मार से गिरा बूढ़ा पीपल का पेड़ अचानक उठकर खड़ा हो गया। विशेषज्ञ इस पर भी रिसर्च कर रहे हैं। पढ़िए दोनों घटनाओं के बारे में...
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पहली तस्वीर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल की है। यहां शनिवार को खेड़ी कांटी गांव में सोमेश्वर मन्दिर (सुम्मा जोहड़) से करीब 3 किलोमीटर तक जमीन फटने की घटना हुई। विशेषज्ञ इसे भूगर्भीय हलचल मान रहे हैं। वहीं, कुछ गांववालों कहना है कि यहां से बहुत पहले पेयजल लाइन निकली थी। संभवत: बारिश के कारण मिट्टी धंस गई। बताते हैं कि यहां 10 साल पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। दोहन नदी तटबंध की तरफ भी ऐसी घटना सामने आई थी। आगे पढ़िए विदिशा में जमीन पर गिरा पीपल खुद उठकर हो गया खड़ा...
विदिशा, मध्य प्रदेश. यहां के एक गांव में मौजूद दशकों पुराना पेड़ कौतुहल का विषय बना हुआ है। 2 महीने पहले यहां आई तेज आंधी में यह बूढ़ा और कमजोर पेड़ गिर गया था। लेकिन पिछले दिनों यह अचानक सीधा खड़ा हो गया। इसके बाद वहां लोगों की जमघट जुटने लगा। प्रशासन ने एक तकनीकी टीम वहां पहुंचाई। उनका मानना है कि यह एक भौतिक घटना है। संभवत: उसकी डालियां कटने से जड़ों का वजन कम हो गया होगा, जिससे वो सीधा हो गया। यानी तनों का भार एक तरफ होने से झुका हुआ पेड़ तनकर सीधा हो गया। इस बीच लोगों को वहां जाने से रोकने प्रशासन ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दरअसल, कोरोना के मद्देनजर भी यह निर्णय सुनना पड़ा है। यह पेड़ विदिशा जिले के छपारा गांव स्थित देवी माता मंदिर परिसर में लगा हुआ है। पढ़िए क्या है पूरा मामला..
गिरने के बाद दुबारा खड़े हुए पेड़ की जांच करने पहुंचे तकनीकी दलों ने माना कि 2 महीने पहले पेड़ वहां मौजूद 4 फीट ऊंची दीवार पर गिरा था। इसके बाद करीब 1 फीट दीवार टूट गई। पेड़ की ऊंचाई करीब 12 फीट है। जड़ से दीवार तक पेड़ की लंबाई यही कोई 7 फीट होगी। ऐसे में जड़ से दीवार तक पेड़ 30 डिग्री में झुका होगा। चूंकि लोगों ने पेड़ की डालियां काट लीं। इससे जड़ का वजन तनों से ज्यादा हो गया। लिहाजा गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पेड़ सीधा खड़ा हो गया। आगे पढ़िए इसी घटना के बारे में...
इस बीच गांव के लोग पेड़ की पूजा-अर्चना करने पहुंचने लगे। दूसरे गांवों को भी इसकी खबर लगी, तो वहां से भी लोग आने लगे। लोगों का कहना है कि यह पेड़ बहुत पुराना है। मंदिर में लगे होने से इस पीपल के पेड़ की लोग पहले से ही पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। अब इसमें आस्था और बढ़ गई है। आगे पढ़िए इसी घटना के बारे में...
इस बीच कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्रशासन ने मंदिर में भीड़ जुटने पर कार्रवाई को कहा है। बहरहाल, यह पेड़ लोगों के कौतुहल का विषय बना हुआ है। लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं, जबकि साइंस इसे एक वैज्ञानिक कारण।