- Home
- Lifestyle
- Health
- Zero Discrimination Day: वर्जिन से संबंध बनाने से खत्म हो जाता है AIDS! दुनिया में फैली है ऐसी 7 भ्रांतियां
Zero Discrimination Day: वर्जिन से संबंध बनाने से खत्म हो जाता है AIDS! दुनिया में फैली है ऐसी 7 भ्रांतियां
- FB
- TW
- Linkdin
विश्व एड्स शून्य भेदभाव दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र एड्स कार्यक्रम के तहत पहली बार 2014 में विश्व एड्स शून्य भेदभाव दिवस मनाया गया था। तब से हर साल 1 मार्च को ये दिन पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इससे मनाने के पीछे संयुक्त राष्ट्र का मानना था कि एड्स को मिटाने के लिए महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव से लड़ना जरूरी है।
एड्स को लेकर फैलाई जाने वाली भ्रांतियां
एड्स को लेकर समाज में हजारों भ्रांतियां है, जिसमें से एक ये है कि यह इंसान के लार और यूरिन के जरिए भी फैलता है। लेकिन आपको बता दें कि छूने, लार, पसीने, थूक और पेशाब से एचआईवी नहीं फैलता है।
वर्जिन से संबंध बनाने से खत्म हो जाता है एड्स
अफ्रीका, भारत और थाईलैंड में कुछ जगहों पर ये कहा जाता है कि कुंवारी लड़की या लड़कों के साथ संबंध बनाने से एड्स ठीक हो जाता है। लेकिन ये बात बिल्कुल गलत है। किसी कुंवारे व्यक्ति या महिला के साथ यौन संबंध रखने से एचआईवी ठीक नहीं होता है। इस सोच ने कई युवतियों के बलात्कार और बच्चों को भी एचआईवी संक्रमण के खतरे में डाल दिया है।
यह भी पढ़ें Shivratri 2022: व्रत के दौरान खुद को रखना है हाइड्रेट, तो ऐसे करें फास्टिंग, ना आएंगे चक्कर- ना होगी कमजोरी
12 साल के बच्चों के लिए एक और स्वदेशी वैक्सीन, बायोलॉजिकल ई की कॉर्बेवैक्स को मिली इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी
मच्छर के काटने से फैलता है एड्स
कई लोगों को भ्रम होता है कि मच्छर या खून चूसने वाले कीड़ों के काटने से AIDS फैलता है। जबकि ऐसा नहीं है, खून चूसने वाले कीड़े या मच्छर काटते हैं तो वो पहले जिसे काटते हैं उसका खून दूसरे के शरीर में इन्जेक्ट नहीं करते, इससे ये वायरस फैल नहीं सकता।
गर्भवती मां बच्चे को कर सकती है संक्रमित
एड्स को लेकर ये भ्रांति है कि अगर कोई मां इससे संक्रमित होती है, तो उसके बच्चे को भी एड्स हो जाता है। लेकिन ऐसा हो ये जरूरी नहीं है। अगर प्रेग्नेंट एचआईवी पीड़ित महिला का इलाज ठीक तरीके से चलता है वो बिना संक्रमण के खतरे के बच्चे को जन्म दे सकती है।
HIV और AIDS में अंतर
कई लोगों एचआईवी और एड्स को एक ही मानते हैं। लेकिन आपको बता दें कि HIV (Human immunodeficiency virus) एक प्रकार का वायरस है जो संक्रमण के लिए जिम्मेदार होता है। एचआईवी से संक्रमित होने के बाद एड्स अंतिम चरण होता है। इसका पता 8 से 10 साल के संक्रमण के बाद लगाया जा सकता है। समय रहते अगर एचआईवी की पहचान कर ली गई, तो एड्स से भी बचा जा सकता है।
कॉन्डम का यूज करने से एड्स नहीं होता
कई लोगों का मानना होता है, कि अगर पार्टनर से संबंध बनाने के दौरान कॉन्डम लगाया हो, तो एड्स नहीं हो सकता है। जबकि, इंटीमेसी के दौरान कॉन्डम खिसकने, फटने या लीक होने से एचआईवी का खतरा हो सकता है।
ये भी पढ़ें- रोज नहीं नहाने के भी है गजब के फायदे, जानकर दंग रह जाएंगे आप, छोड़ देंगे रोज नहाना
दो बूंद जिंदगी की: भूलिएगा नहीं; कल पोलियो संडे है; 5 दिन चलेगा कैम्पेन; घर-घर भी पिलाई जाएगी दवा