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Omicron symptoms: बुखार के साथ ही बच्चों को हो रही कंपकंपी तो हो जाएं सावधान, गंभीर हो सकते है ये लक्षण
हेल्थ डेस्क : कोरोना (coronavirus) महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन (Covid Vaccination) लगना तो शुरू हो गया है, पर इस बीच कई सारे बच्चों के संक्रमित होने की जानकारी भी सामने आ रही है। इसमें छोटे बच्चों के अलावा वैक्सीन लेने वाले 15 से 18 साल के बच्चे भी शामिल हैं। रविवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ धीरेन गुप्ता ने बताया कि 11 से 17 साल के कोविड-19 संक्रमित बच्चों और किशोरों में तेज बुखार और कंपकंपी जैसे लक्षण भी नजर आ रहे है। आइए आपको बताते हैं, बच्चों में ये लक्षण गंभीर है या सामान्य....
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कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले बच्चों को हल्का बुखार, एक या दो दिन बदन दर्द हो सकता है। इसके अलावा सर्दी, सर्द दर्द और जुकाम की समस्या हो सकती है।
डॉ धीरेन गुप्ता का कहना है कि जिन बच्चों को तेज बुखार और कंपकंपी जैसे लक्षण दिखाई देते है, उन्हें सावधान रहने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि ये लक्षण दो साल से कम उम्र के बच्चों में भी ये लक्षण दिख रहे हैं। उनमें से कुछ को अस्पताल में भर्ती भी करना पड़ रहा है।
सर गंगाराम अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट की तरह ओमीक्रॉन में बच्चों का स्वाद और गंध जाना जरूरी नहीं है। लेकिन 10 में से केवल दो से तीन मरीज स्वाद और गंध जाने के बारे में शिकायत कर रहे हैं।
डॉ. गुप्ता ने कहा, 'मेरे एक्सपीरियंस से दो साल से कम उम्र के बच्चे जो हाई रिस्क ग्रुप के होते हैं उनमें संक्रमण की गंभीरता लगभग डेल्टा वेरिएंट के समान है। दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हुए 9 बच्चों में से 1 को वेंटिलेशन सपोर्ट की जरूरत पड़ी है। हाई फीवर में बच्चों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है।'
कोविड-19 वैक्सीन लेने वाले किशोरों के लक्षण उन लोगों की तुलना में कम गंभीर होते हैं, जिन्हें टीका नहीं लगवाया है। बता दें कि पिछले दिनों वैक्सीन लेने वाले कई बच्चे कोरोना की चपेट में आ गए है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बच्चों का रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट वयस्कों की तुलना में छोटा होता है और कोरोना का नया ओमीक्रॉन वेरिएंट मरीजों के अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट पर ही प्रभाव डाल रहा है, इसलिए बच्चों में इससे परेशानी बढ़ने की संभावनाएं ज्यादा हैं।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि जो मरीज कुछ इम्यूनोसप्रेसेन्ट ले रहे हैं, उनमें निमोनिया होने की संभावना होती है। उन्होंने कहा कि 'अब तक मैं तीन ऐसे मरीजों को देख चुका हूं, जिन्हें निमोनिया हुआ है। इलाज के लिए उन्हें स्टेरॉयड की जरूरत पड़ी थी।'
संक्रमित बच्चों की डाइट में प्रोटीन, विटामिन्स और अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए उन्हें हरी सब्जियां, दूध-दही, पनीर और मौसमी ताजे फल जरूर खाएं। बच्चों के हेल्दी डाइट दें और खूब पानी पिलाएं।
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