कबाड़ से गजब जुगाड़: साइकिल और बेकार पड़ीं चीजों से महिला ने बना दी स्पेशल चक्की
जमशेदपुर, झारखंड. इंसान के दिमाग से तेज कुछ भी नहीं चल सकता। आवश्यकता पड़ने पर इंसान किसी भी तरह की चीजें बना लेता है। यह आटा और मसाला चक्की भी कबाड़ और साइकिल की जुगाड़ से तैयार की गई है। इसे बनाया है सीमा पांडे ने। बेसिक आइडिया इन्हीं का था, बस इन्होंने अपने इंजीनियर भाई की मदद ली। यह चक्की साइकिलिंग से चलती है। यानी एक्सरसाइज करते वक्त आप गेहूं के अलावा बाकी मसाला भी पीस सकते हैं। इसमें बिजली का कोई खर्चा नहीं। यानी एक साथ दो काम। गेहूं और मसाला भी फ्री में पिस जाता है और एक्सरसाइज भी हो जाती है। इस आविष्कार के वीडियो को सोशल मीडिया पर लाखों लोग पसंद कर चुके हैं। हाल में इस वीडियो को आईएएस अवनीश सरन ने अपने ट्वीट पर शेयर करते हुए लिखा कि 'गजब का आविष्कार। काम भी और कसरत भी।

लॉकडाउन के दौरान सीमा को गेहूं पिसवाने और घूमना-फिरना बंद होने से कसरत की फिक्र होने लगी थी। तभी उनके दिमाग में यह आइडिया आया।
सीमा का भाई मनदीप तिवारी इंजीनियर है। सीमा ने उसकी मदद ली और साइकिल के साथ कुछ कबाड़ की चीजों से यह चक्की बना ली।
इस चक्की से सिर्फ गेहूं नहीं, बल्कि मिर्च-मसाल भी पीस सकते हैं। इसे चलाना भी आसान है। बस, साइकिल के पैडल मारते जाइए। कसरत के साथ सबकुछ पिसता जाएगा।
बिना बिजली के चलने वाली यह चक्की आधा घंटे में डेढ़ किलो गेहूं पीस देती है। सीमा कहती हैं कि इस चक्की ने मेरा वजन भी नहीं बढ़ने दिया और गेहूं-मसाला पिसवाने बाहर की झंझट भी खत्म कर दी।
जबसे सीमा की इस चक्की का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, तब से लोग इसकी तकनीक के बारे में ज्यादा इच्छुक हैं।
देसी जुगाड़ साइंस से बनी इस चक्की ने साबित कर दिया कि कबाड़ की चीजें भी बड़े काम की होती हैं।