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जब JPSC की ओवरऑल टॉपर से पूछा गया कि आपके राज्य में बिजली इतनी क्यों जाती है, मिला यह जवाब
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अंकिता राय: ये रांची के लालपुर की रहने वाली हैं। ये पहली ही बार में सफल हुई हैं। अंकिता 2018 में 63वीं बीपीएससी में इंटेलिजेंस ब्यूरो में भी पास हुई थीं, लेकिन उन्होंने नौकरी ज्वाइन नहीं थी। अंकिता कहती हैं कि अगर आपका अनुशासित रहकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, तो सफलता के चांसेज बढ़ जाते हैं। अंकिता के पिता सतीश चंद्र राय भारतीय वन सेवा में बोकारो में कार्यरत हैं। मां रेणु हाउस वाइफ हैं।
अंकिता से जब पूछा गया: अंकिता से इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि राज्य में कोयले का इतना भंडार है, फिर बिजली इतनी क्यों जाती है? अंकिता ने जवाब दिया कि क्योंकि कोयले की क्वालिटी इतनी अच्छी नहीं है। इसमें एश और सल्फर ज्यादा है। इसलिए भारत को इंडोनेशिया से कोयला मंगाना पड़ता है। अंकिता ने कहा कि अगर आपकी नॉलेज अच्छी है, तो आप ठीक से जवाब दे सकते हैं। अंकिता को 10वीं से लेकर बीटेक तक की परीक्षा में डिस्टिंक्शन अंक मिले हैं।
पति-पत्नी दोनों सफल: हजारीबाग जिले के बड़कागांव बादल के रहने वाले गौतम कुमार और उनकी पत्नी सुमन ने पहले ही प्रयास में झारखंड सिविल सर्विसेज एग्जाम(JPSC) में सफलता हासिल करके सबको चौंका दिया है। यह इसलिए, क्योंकि दोनों एक साथ एग्जाम की तैयारी कर रहे थे। नौकरी से जो भी समय मिलता था, साथ बैठकर पढ़ते थे। सबसे बड़ी बात, सुमन ने राज्य प्रशासनिक सेवा में टॉप किया है, जबकि उनके पति की 32वीं रैंक आई है। सुमन इस समय हजारीबाग के मुख्य डाकघर में पोस्टल असिस्टेंट हैं। वहीं, गौतम कुमार रांची में सब इंस्पेक्टर। मंगलवार को छठीं सिविल सेवा परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी किया गया है। आगे पढ़िये सुमन की सफलता की कहानी...
एक साथ पढ़ना आया काम: सुमन और गौतम बताते हैं कि एक साथ पढ़ने का फायदा यह हुआ कि जो सवालों को लेकर जो भी संदेह होते थे, हम एक साथ उन्हें क्लियर कर लेते थे। गौतम के पिता बानी महतो किसान हैं। गौतम का छोटा भाई गढ़वा में प्रखंड विकास अधिकारी है।
यह हैं लोहरदगा जिले के कुडु की रहने वाली रीमा रजनी लकड़ा। ये वित्तीय सेवा में सिलेक्ट हुई हैं। अभी ये भंडरा में राजस्व विभाग में हैं। ये पढ़ाई के साथ-साथ गांव में अपने पिता के साथ खेत-किसानी में हाथ बंटाती रही हैं। नौकरी के बाद रांची के हॉस्टल में रहते हुए ये एग्जाम की तैयारी करती रहीं। इनका कहना है कि आप कोशिश करते रहिए, सफलता जरूर मिलेगी।
यह हैं दुमका की मोनिका बास्के। ये पहले ही प्रयास में सफल रही हैं। इन्होंने एग्जामी की तैयारी शादी के बाद की। सबसे बड़ी बात..इन्हें उनके पति ने पढ़ाई कराई। मोनिका के पति मनोज सोरेन रेलवे में कार्यरत हैं। मोनिका कहती हैं कि मनोज कहते थे कि तुम यह एग्जाम क्लियर कर सकती हो।
यह हैं हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड के हदारी गांव की रहने वालीं सगी बहनें सुषमा और इंदु। दोनों बहनों ने मिलकर तैयारी की और सफल रहीं। इनके पिता रिटायर्ड डीएसपी किशोरी राम कहते हैं कि मिलकर पढ़ने का यह फायदा हुआ कि वे एक-दूसरे की शंकाओं का समाधान करती रहीं।
यह हैं बोकारो के रहने वाले सगे भाई अनिल और अमित। इनके पिता गणेश रविदास राज मिस्त्री हैं। अनिल इस समय गढ़वा में राजस्व उपनिरीक्षक हैं। वहीं अमित मध्य बिहार ग्रामीण बैंक में पीओ हैं। दोनों ने कहते हैं कि अकेले पढ़ने से बेहतर है, आप किसी साथी के साथ तैयारी करें। इससे आपके सवाल क्लियर होंगे और पढ़ाई में उत्साह भी बना रहेगा।