झारखंड के इस मंदिर में छिपे हैं कई रहस्य, कुछ ऐसी हैं लोगों की मान्यताएं
| Published : Nov 02 2019, 10:06 PM IST
झारखंड के इस मंदिर में छिपे हैं कई रहस्य, कुछ ऐसी हैं लोगों की मान्यताएं
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ईचागढ़ और लेपाटांड गांव के बीच करकरी नदी के पास यह चतुर्मुखी शिवलिंग स्थापित है। इस शिवलिंग से कई तरह के रहस्य जुड़े हुए हैं। इस मंदिर में लोगों की बड़ी आस्था है। लोगों के अनुसार बाबा यहां मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी करते हैं।
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दयापुर के राजा रोज घोड़े से गुफा के रास्ते भगवान भोले नाथ की पूजा करने ईचागढ़ आते थे। हालांकि अब इस इलाके को चारो तरफ दीवार बना दी गई है, ताकि पुरातात्विक धरोहरों के नष्ट होने और चोरी होने से बचाया जा सके।
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साल 1990 में पुरातात्विक विभाग से कई लोग जांच के लिए ईचागढ़ पहुंचे थे। पुरातात्विक विभाग के लोगों को उस समय ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा था और पूरी टीम बिना कोई जांच किए वापस आ गई थी। ग्रामीण उस समय क्षेत्र की खुदाई नहीं करवाना चाहते थे।
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क्षेत्र में प्रचलित कथा के अनुसार राजा विक्रमादित्य ने ईचागढ़ में चतुर्मुखी शिवमंदिर बनवाए थे। मंदिर के साथ उन्होंने क्षेत्र में और भी कई धरोहरें बनावाई थी। इन धरोहरों के बचे हुए अवशेष आज भी देखने को मिलते हैं। हालांकि मंदिर का निर्माण कब हुआ था, इसके कोई पुख्ता सबूत किसी के पास नहीं हैं।
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यदि इस क्षेत्र में खुदाई कराई जाए तो संभवतः यहां पर पुरातत्विक धरोहरों की बड़ी शृंखला मिल सकती है। ऐसे किसी काम के लिए सरकार को पहले ग्रामीणों को मनाना होगा।