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इसलिए इन्हें कहते धरती का भगवान: दो डॉक्टर खुद पॉजिटिव..जिस वार्ड में भर्ती वहीं कर रहे मरीजों का इलाज
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दरअसल, यह दोनों डॉक्टर अनुभव अग्रवाल और डॉ. अनुराधा चौधरी हैं। दोनों अपना अपना ख्याल रखने के साथ ही कोविड वार्ड में दूसरे मरीजों की देख रेख कर रहे हैं। दोनों का कहना है कि डॉक्टरी पेशा कोई जॉब नहीं है, बल्कि यह मानव सेवा है। खासकर ऐसी मुश्किल घड़ी में अगर हम अपनी ड्यूटी और फर्ज नहीं निभाएंगे तो हमारी डॉक्टर की डिग्री लेने का क्या फायदा। मरीज भगवान के बाद डॉक्टरों के भरोसे रहते हैं, इसलिए हम उनका भरोसा नहीं तोड़ना चाहते हैं। आइए मिलते हैं इन दोनों डॉक्टरों से...
ये हैं डॉक्टर अनुभव अग्रवाल जो भोपाल की सबसे बड़ी अस्तपताल हमीदिया में भर्ती हैं। वह 16 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हुए थे। उनका कहना है कि वह एक संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। लेकिन, मैंने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि मरीजों के इलाज करने में जुट गया। उनका कहना है कि मैं खुद पॉजिटिव हूं, समझ सकता हूं कि एक मरीज के दिल पर क्या बीतती है। इसलिए उनकी सेवा करने में लगा हुआ हूं। बता दें कि अनुभव अग्रवाल का जीएमसी से एमडी मेडिसिन थर्ड ईयर चल रहा है।
ये हैं डॉ. अनुराधा चौधरी, यह भी हमीदिया अस्पताल के ए ब्लॉक के सैकंड फ्लोर पर भर्ती हैं। वह अपने साथ-साथ मरीजों का भी पूरी जिम्मेदारी के साथ ख्याल रख रही हैं। सुबह-शाम और दोपहर में अपने वार्ड में एक-एक करके सभी मरीजों को देखती हैं। उनका कहना है कि अगर में बीमार बनकर बैठ जाऊंगी तो इन मरीजों को कौन दिखेगा। में उनके पास वार्ड में मौजूद हूं तो मेरा फर्ज है उनको देखना। अनुराधा चौधरी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के सर्जरी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वह पिछले 10 दिन से कोरोना संक्रमित हैं।
इन से मिलिए हैं, ये हैं अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा जो अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। उनके जिम्मे शहडोल मेडिकल कॉलेज हैं जहां जाकर वह सारी व्यवस्था देख रहे हैं। जबकि उनकी मां संक्रमित होने के बाद शहडोल मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में एडमिट हैँ। वहीं उनकी पत्नी भी पत्नी भी संक्रमित हैं। लेकिन वह अपने फर्ज की खातिर ड्यूटी से पीछे नहीं हटे।