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कोरना ने छीनी इंजीनियर की जिंदगी, पत्नी मां बेटी सब अलग शहरों में फंसे,अंतिम संस्कार भी नहीं कर सके
गुना (मध्य प्रदेश). कोरोना वायरस लोगों की जिंदगी तो छीन ही रहा है, लेकिन वह मृतकों के परिवार से अंतिम संस्कार कराने का अधिकार भी छीन रहा है। यहां तक कि संक्रमित व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद परिवार वाले मृतक का अंतिम बार चेहरा तक नहीं देख पा रहे हैं। ऐसा ही एक झकझोर देने वाला मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है। जब यहां के रहने वाले एक युवक की नाइजीरिया में मौत हो गई तो भारत में रहने वाले परिजन और रिश्तेदारों ने ऑनलाइन अंतिम दर्शन किए।
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दरअसल, गुना के रहने वाले इंजीनियर सत्येंद्र शर्मा की कोरोना संक्रमण के चलते नाइजीरिया में 22 अप्रैल को मौत हो गई थी। लॉकडाउन के चलते युवक के शव को भारत लाने की अनुमति नहीं मिली तो 9 दिन बाद यानि शुक्रवार के दिन विदेश में ही मृतक सत्येंद्र शर्मा का वहीं अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इतना ही नहीं इंजीनियर सत्येंद्र शर्मा की मौत के बाद उनके परिवार वाले एक-दूसरे को सांत्वना और दिलासा देने के लिए एक जगह एकत्रित भी नहीं हो पाए। लॉकडाउन के चलते सभी इधर-उधर फंसे हुए हैं। मृतक की मां गुना में पत्नी भोपाल और बेटी देहरादून में फंसी हुई हैं। वहीं दो बहने विदिशा और भाई मुंबई में हैं। हालांकि जो जहां था उसने वहीं से ऑनलाइन के जरिए अंतिम दर्शन किए।
बता दें कि सत्येंद्र शर्मा का क्रिया-क्रम पूरी विधि के अनुसार नाईजीरिया के एक युवक ने किया। मोबाइल के जरिए विदेशी युवक को भारत से मृतक का परिवार बताता रहा है कि क्या कब और कैसे करना है, बस उसी के अनुसार शव का अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें कि नाइजीरिया सरकार और जिस कंपनी में नौकरी करते थे उन्होंने आश्वासन दिया है कि उनके अंतिम संस्कार का वीडियो परिवार को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
सत्येंद्र शर्मा ने ठीक एक साल पहले इसी अप्रैल के महीने में ही नाइजीरिया की दांगोटे इंडस्ट्रीज प्रा. लि. ज्वाइन की थी। इससे पहले वे विजयपुर स्थित एनएफएल के प्लांट में इंजीनियर थे।
इतना ही नहीं लॉकडाउन और कोरोना के चलते परिवार को मृतक की अस्थियों के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।