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बुजुर्गों से जानवरों जैसा सलूक, कचरा गाड़ी में भर बाहर फेंका..देखिए देश के सबसे स्वच्छ शहर की हकीकत
इंदौर (मध्य प्रदेश). इंदौर शहर सफाई के मामले में पूरे देश में जाना जाता है। लगातार चार बार नंबर वन आते हुए कई अवॉर्ड जीत चुका है। लेकिन स्वच्छता के नाम पर नगर निगम का जो अमानवीय चेहरा सामने आया है, उसने मानवता को तार-तार कर दिया है। जहां निगम के कर्मचारियों ने बुजुर्ग भिक्षुकों के साथ जानवरों ते बदतर सलूक किया। निगमकर्मी इन लोगों को कचरा गाड़ी में मवेशियों की तरह ठूंसकर शहर से बाहर फेंकने ले गए।
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दरअसल, यह शर्मनाक घटना शुक्रवार के दिन की बताई जा रही है, लेकिन अब इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसके बाद शिवराज सरकार हरकत में आई और सीएम के निर्देश पर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस मामले में आरोपी पाए जाने वाले कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। किस तरह से नगर निगम के कर्मचरियों ने स्वच्छता के नाम पर बुजुर्गों, अपंगों को भेड़-बकरी की तरह भरा गया। कई बुजुर्ग ऐसे हैं जो ठीक से चल भी नहीं सकते ।
बताया जा रहा है कि शहर के बाहर इंदौर-देवास हाईवे पर नगर निगम की कचरे वाली गाड़ी कुछ बेसहारा और बेघर बुजुर्गों को लेकर पहुंचा था। जिसमें निगम जब्ती का माल, होर्डिंग और पोस्टर भरे जाते थे, उसमें इन बुर्जुग लोगों को ठूंस-ठूसकर भरा था। निगम ने इन लोगों को जानवरों की तरह ट्रक से उतारने लगे। मजबूर लोग बिलख रहे थे, हम ठंड में मर जाएंगे यहां नहीं छोड़ों, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी। यह देख स्थानीय लोगों को दया आई और उन्होंने कर्मचारियों से इन लोगों को शहर से बाहर यू हाईवे पर छोड़ने की वजह पूछी तो वह जवाब नहीं दे सके। इसके बाद स्थानीय निवासियों ने इस घटना का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। जिसके बाद निगमकर्मी बुजुर्गों को गाड़ी में भरकर वापस लाने लगी।
बता दें कि जिस तरह से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, ऐसे में बड़ी संख्या में बेसहारा बुजुर्ग सड़क किनारे रात काटने को मजबूर हैं। वह रात होते ही अपने सिर को ढ़कने के लिए किसी छत की तलाश में जुट जाते हैं। जब नाइट में बाजारा या दुकान बंद हो जाती हैं तो यह बेसहारा बुजुर्ग भिक्षुक लोग उनके नीचे अपना आशियाना बनाकर सो जाते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए लिखा-आज इंदौर में नगर निगम कर्मचारियों द्वारा वृद्धजनों के साथ अमानवीय व्यवहार के संबंध में मुझे जानकारी मिली। इस मामले में जिम्मेदार नगर निगम उपायुक्त सहित दो कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने और कलेक्टर इंदौर को बुजुर्गों की समुचित देखभाल करने का निर्देश दिया है। बुजुर्गों के प्रति अमानवीय व्यवहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मेरे लिये नर सेवा ही नारायण सेवा है। हर वृद्ध को आदर, प्रेम और सम्मान मिलना चाहिए; यही हमारी संस्कृति है और मानव धर्म भी।
जब मामला मीडिया में सामने आया तो नगर निगम की आयुक्त प्रतिभा पाल का कहना है कि यह मामला संवेदनशील है, जांच होगी और जिसकी भी लापरवाही पाई जाएगी, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं कांग्रेस विधायक और मंत्री जीतू पटवारी ने बुजुर्गों को वाहन में ले जाने का वीडियो शेयर किया है। जहां उन्होंने लिखाॉ मां अहिल्या की नगरी को शर्मसार कर दिया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेष शर्मा का कहना है कि शिवराज सरकार में मानवता हुई शर्मसार, बुजुर्गों को, अपंगों को इंदौर से नगर निगम की गाड़ी में भेड़-बकरी की तरह भरा गया।
यह भिक्षुक रामू हैं, जिनको स्वच्छता के नाम पर नगर निगम के लोगों ने बाहर फेंक दिया था। उन्होंने बताया कि वह मालवा मिल का रहने वाला है, लेकिन 20 साल से शिवाजी वाटिका में ही अपना आशियाना बनाया हुआ है। जब निगम के लोग हम लोगों को कचरे वाली गाड़ी में ले जाने लगे तो मैंने कहा-कहां ले जा रहे हो छोड़ दो। हम यहीं पर भीख मांगकर अपना पेट पालते हैं, वहां कहा रहेंगे, लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी।
यह बुजुर्ग महिला सूजीबाई हैं जो भीख मांगकर अपना पेट पालती हैं। वह भी शिवाजी वाटिका में रहती हैं। उन्होंने बताया कि करीब सुबह 9 से 10 बजे निगम के लोग आए और हमको जबरदस्ती कचरे वाली गाड़ी में भरने लगे। मैंने कहा भैया में मर जाऊंगू बूढ़ी हूं वहां कौन मेरे पेट भरेगा। यहां दो वक्त की रोटी नसीब हो जाती हैं, मत ले जाओ। पर वो नहीं माने, में चल नहीं सकती हूं, तो मुझे जबरन जानवरों की तरह गाड़ी में डाल दिया।