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सिर्फ हीरो-हीरोइन ही ब्रांड नहीं होते, ये हैं एक सरकारी स्कूल के गुरुजी, जो किसी स्टार से कम नहीं हैं
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नीरज सक्सेना रायसेन जिले की भोजपुर विधानसभा क्षेत्र के सालेगढ़ स्कूल में पिछले 10 साल से पदस्थ हैं। उन्होंने अकेले ही इस स्कूल को मॉडल स्कूल में बदल दिया है।
नीरज सक्सेना ने स्कूल परिसर में खूब पेड़-पौधे लगाए हैं। जिन पर सामान्य ज्ञान से संबंधित जानकारियों की तख्तियां लटकाई गई हैं। शिक्षक ने करीब 2 एकड़ को हरा-भरा बना दिया है।
यह स्कूल जंगल में है। यहां आदिवासी गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं। स्कूल तक जाने के लिए सड़क नहीं है। लेकिन शिक्षक ने कभी हार नहीं मानी। वे पैदल ही कीचड़ में 5 किमी पैदल चलकर स्कूल पहुंच जाते हैं। कभी-कभार बैलगाड़ी पर ही बच्चों को बैठाकर स्कूल जाते देखे जाते हैं।
कुछ समय पहले जब स्कूल तक किताबें ले जाने का कोई साधन नहीं मिला, था तो नीरज सक्सेना बैलगाड़ी लेकर निकल पड़े थे।
नीरज सक्सेना जब 2009 में इस स्कूल में पोस्टेड हुए थे, तब यहां सिर्फ 15 बच्चे थे। वे भी कभी-कभार ही पढ़ने आते थे। नीरज ने इसके लिए बच्चों के मां-बाप को समझाया। अब इस स्कूल में 94 बच्चे हैं।
अपने गुरु के इस प्रयास में अब उनके पूर्व छात्र भी मदद कर रहे हैं। जो छात्र अब शहर में हायर एजुकेशन ले रहे हैं, वे लॉकडाउन में बच्चों को घर जाकर पढ़ाते देखे गए।