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संकट की घड़ी में दवाइयों का रॉबिनहुड बने डॉक्टर पति-पत्नी, अनोखी पहल से फ्री में बांट रहे कोरोना की दवा
मुंबई (महाराष्ट्र). कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश को हिलाकर रख दिया है। लेकिन 'धरती के भगवान' कहे जाने वाले डॉक्टर अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों ठीक करने में दिन रात ड्यूटी कर रहे हैं। इसी बीच मुंबई एक डॉक्टर पति-पत्नी अनोखी पहल करके मरीजों को सही करने के लिए अलग ही बीड़ा उठाया हुआ है। जिनकी तारीफ हर कोई कर रहा है। पढ़िए कैसे कोरोना के कहर में दव के रॉबिनहुड बने डॉक्टर पति-पत्नी...
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दरअसल, यह दंपत्ति इन दिनों कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों से दवाइयां इकट्टा कर रहे हैं। जिसके बाद वह इन दवाइयों को जरूरतमंद मरीजों को बांट देते हैं। खासकर आदिवासी इलाके और ग्रामीण क्षेत्रों में इनको भेजा जाता है। क्योंकि तेजी से बढ़ रहे संक्रमण की वजह से दवाइयों की भारी कमी है। जिस मेडिकल स्टोर्स पर देखो वहां पर भीड़ लगी हुई है। वहीं कुछ ऐसे भी परिवार हैं जिनका हर सदस्य संकमित हैं। जिसके चलते वह बाहर नहीं निकल सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए यह पति-पत्नी किसी मसीहा से कम नहीं हैं।
बता दें कि इस संकट की घड़ी में नेक काम करन वाले डॉक्टर मार्कस रैने और उनकी पत्नी डॉ. रैना हैं। जो मुंबई के परेड इलाके में रहते हैं। उन्होंने दवा इकट्टा करने की शुरुआत 1 मई से की थी। वह अब तक पिछले 10 दिन में कोविड-19 की 20 किलो दवाइयां जमा कर चुके हैं। रैने कपल की इस मुहिम की सोशल मीडिया में जमकर तारीफ हो रही है। लोग उनको दवाइयों का रॉबिनहुड कहने लगे हैं।
डॉक्टर मार्कस रैने ने बताया कि उन्होंने इस काम में पत्नी के अलावा पड़ोस में रहने वाले 7-8 लोगों से मदद ली है। जिनके साथ वह अभी तक अपने आसपास की करीब 100 से ज्यादा बिल्डिंगों में जा चुके हैं। जहां पर वह होम क्वारैंटाइन में रह रहे कोरोना के मरीजों से संपर्क करते हैं। जो लोग कोरोना से पूर्ण रूप से ठीक हो चुके होते हैं उनकी दवा लेकर आते हैं।
डॉक्टर की पत्नी डॉ. रैना ने बताया कि उन्होंने अपने आसपास ऐसे भी लोगों को भी देखा जो कोविड-19 की दवा खरीदने में असमर्थ थे। क्योंकि काम बंद हो जाने के चलते इन लोगों को दवा लेना बहुत कठिन है। बस इसी उद्देश्य के साथ हमने गरीबों को मुफ्त में दवा देने का मिशन शुरू किया। शुरूआत में उन्हें थोड़ी परेशानी जरूर हुई लेकिन अब लोग खुद उन्हें फोन करके दवा देने के लिए बुलाते हैं।
बता दें कि रैना कपल ने जो दवा जुटाई है उनमें डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइब्ड फेबिफ्लू, दर्द की दवा, एंटीबायोटिक, इनहेलर और विटामिन की दवा जमा की गई हैं। इसके अलावा पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मोमीटर भी इकट्टा कर रहे हैं। डॉक्टर रेने ने बताया कि वह सबसे पहले इन दवाओं की एक्सपायरी डेट देखते हैं, जिनकी डेट निकल जाती है उनको कचरे में फेंक देते हैं। जो काम की होती हैं उनको अलग-अलग बॉक्स में जमा कर पैक कर देते हैं। डॉक्टर ने बताया कि उनका दवा जमा किया हुआ पहला कंसाइनमेंट तैयार है जिसे जल्द ही गुजरात के एक आदिवासी के लिए भेजा जाएगा।