BJP के टिकट पर मजदूर का ये बेटा बना विधायक, कहा-अब राजा का बेटा नहीं बनेगा राजा
मालशिरस (महाराष्ट्र). महाराष्ट्र विधानसभा चनाव के नजीतों को आए तीन दिन हो गए हैं। लेकिन अभी तक राज्य में सरकार बनाने का रास्ता साफ नहीं हो पाया है। भाजपा जहां महाराष्ट में 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है। इन्हीं 105 विधायकों में से एक ऐसे विधायक बने हैं जो एक मजदूर का बेटा है। उनके पिता कभी चीनी मिल में मजदूरी करते थे। इस शख्सियत का नाम है राम सतपुते, जिनको भाजपा ने मालशिरस सीट से टिकट दिया था, जहां उन्होंने एनसीपी उम्मीदवार उत्तमराव शिवदास जानकार के खिलाफ जीत हासिल की है।
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राम सतपुते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनवीस का करीबी माना जाता है। वह राजनीति में आने से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं। वह प्रदेश में अभाविप प्रदेश महामंत्री पद की कमान भी संभाल चुके हैं। फिर वह भाजपा के युवा मोर्चा में शामिल हो गए।
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राम सतपुते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनवीस का करीबी माना जाता है। वह राजनीति में आने से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं। वह प्रदेश में अभाविप प्रदेश महामंत्री पद की कमान भी संभाल चुके हैं। फिर वह भाजपा के युवा मोर्चा में शामिल हो गए।
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जीत के बाद सतपुते ने कहा कि मेरे माता-पिता बहुत ही भोले और साधारण हैं। उनको तो यह भी नहीं पता कि उनका बेटा करता क्या है। वह तो सिर्फ इतना जानते हैं कि मुझसे जब कोई मिलने आता है तो उनको लगता है हमारा बेटा जुरुर कोई अच्छा काम कर रहा है। जो उससे मिलने के लिए इतनी संख्या में लोग आते हैं। उनको तो ये भी नहीं पता विधायक क्यो होता है।
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राम सतपुते ने मालशिरस सीट से एनसीपी उम्मीदवार उत्तमराव शिवदास को 2590 वोटों के अंतर से एनसीपी के उम्मीदवार उत्तमराव शिवदास जानकार को हराया है। जबकि मालशिरस विधानसभा सीट को राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का गढ़ माना जाता है।
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