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कोरोना से एक और विधायक की मौत, सादगी जिनकी पहचान..आखिरी सांस तक किराए के मकान में गुजारी जिंदगी
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दरअसल, कांग्रेस विधायक रावसाहेब अंतापुरकर का कोरोना की वजह से शनिवार की सुबह निधन हो गया। बता दें कि 55 साल के अंतपुरकर की 17 मार्च को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और नांदेड़ के एक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। लेकिन जब उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उनको मुंबई लाया गया जहां उन्होंने बॉम्बे अस्पताल में अंतिम सांस ली।
बता दें कि रावसाहेब अंतापुरकर नांदेड़ जिले के देगलूर विधानसभा सीट से विधायक थे। वह अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी एक किराए के घर में गुजार ली। अंतापुरकर के पास अपना कोई मकान नहीं है। उनके जाने से इलाके की जनता और राज्य में सरकार का साथ दे रही कांग्रेस को गहरा झटका लगा है।
बताया जाता है कि अंतापुरकर अक्सर अपने इलाके के किसानों और गरीबों की मदद के लिए ही जीते थे। इसलिए वह अपने क्षेत्र में गांव-गांव, गली-गली, खेत-खेत में घुमते रहे लोगों की समस्याओं को सुनते, जानते, समझते, सुलझाते रहे। बता दें कि अंतापुरकर डायबिटिज और ब्लडप्रेशर के भी मरीज थे। बताया जाता है कि कुछ दिन पहले उनको दिल का दौरा भी पड़ा था।
रावसाहेब अंतापुरकर अपने जिले के सबसे लोकप्रिय नेता था। उन्होंने अपने जिले के देगलुर प्रखंड अंतापुर के मानव विकास विद्यालय से दसवीं की पढ़ाई पूरी की। फिर वह कॉलेज की पढ़ई के लिए औरंगाबाद गए, जहां से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली। राजनीति में आने से पहले वह नौकरी करते थे, वो मुंबई महाराष्ट्र विद्युत मंडल इंजीनियर के रूप में अपने सेवाएं दे रहे थे। 2009 में उन्होंने नौकरी छोड़ी दी और देगलुर-बिलोली क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधायक बन गए। इसके बाद उनका राजनीति का सिलसिला यूं ही चलता रहा और अब कोरोना की वजह से वह दुनिया को अलविदा कह गए।
रावसाहेब अंतपुरकर महाराष्ट्र के ऐसे दूसरे विधायक हैं जिनकी कोरोना से मौत हुई है। इससे पहले पंढरपुर के एनसीपी विधायक भारत भाल्के की जान भी कोरोना की वजह से ही गई थी। जिसके चलते पंढरपुर में 17 अप्रैल को उपचुनाव होने हैं।